रास्ते में पाता गांव के पास सड़क किनारे मिट्टी के बर्तन बनाती नन्हीं बच्चियों को देखकर उनका हृदय द्रवित हो उठा।
उन्होंने तुरंत अपनी सरकारी गाड़ी रुकवाई और बच्चियों के पास जाकर उनसे आत्मीयता से बातचीत की। जिलाधिकारी ने उनके पारिवारिक हालचाल और पढ़ाई के बारे में पूछा तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन बच्चियों की शिक्षा और पारिवारिक सहायता के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
जिलाधिकारी की यह संवेदनशील पहल प्रशासनिक जिम्मेदारी के साथ-साथ उनकी मानवीय संवेदना का प्रेरक उदाहरण बनी।
संवेदनशील जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी की मानवता की मिसाल

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