भारतीय चीनी उद्योग अभी तक डबल सल्फिटेशन प्रक्रिया पर निर्भर रहा है, जिसमें सल्फर और रसायनों का उपयोग होता है। इससे पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी पैदा होती हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की शोध टीम ने एक नई ‘नेचुरल स्टैबिलाइज़र’ आधारित तकनीक विकसित की है। इस प्रक्रिया में नीम, सीताफल, बाबूल, अर्जुन, हरड़ सहित कई प्राकृतिक अर्कों का उपयोग किया जाता है, जिससे चीनी अधिक शुद्ध और सुरक्षित बनती है।तकनीक को वाणिज्यिक स्तर पर भी सफल बताया गया है। यूनाइटेड शुगर मिल्स लिमिटेड में किए गए ट्रायल में परिणाम बेहतर आए। नई तकनीक से तैयार चीनी की गुणवत्ता उच्च पाई गई, और उत्पादन लागत भी कम आई।
संस्थान के अनुसार यह पद्धति पर्यावरण के अनुकूल है और सल्फर-फ्री चीनी उत्पादन का एक महत्वपूर्ण कदम है।यह तकनीक पूरी तरह प्राकृतिक अर्कों पर आधारित है। इससे न केवल चीनी की गुणवत्ता बेहतर होती है बल्कि प्रदूषण भी कम होता है। उद्योग के लिए यह एक बड़ा बदलाव साबित होगा।
कानपुर : नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट ने शोध में प्राप्त की नई सफलता..

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