छा गईं भारतीय टीम की छोरियां, ऐसे पहुंची फाइनल में, देखें अब तक का सफर

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आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 में टीम इंडिया की कहानी हौसले, आत्मविश्वास और शानदार वापसी की रही। टूर्नामेंट के बीच लगातार हार झेलने के बाद हरमनप्रीत कौर की अगुआई में टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई है, जहां अब उनका मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होगा।

शानदार आगाज: श्रीलंका और पाकिस्तान पर जीत

भारत ने टूर्नामेंट की शुरुआत बेहतरीन अंदाज में की। पहले मुकाबले में श्रीलंका को 58 रन से हराया। इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों ने जलवा दिखाया। क्रांति गौड़ (3/20) और दीप्ति शर्मा (3/45) की घातक गेंदबाजी से पाकिस्तान की पारी ढह गई और भारत ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की।

मध्य चरण में झटके: लगातार तीन हार

इसके बाद भारत को दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ तीन करीबी हार का सामना करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका ने नादिन डी क्लार्क की बदौलत आखिरी ओवर में जीत छीनी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ स्मृति मंधाना (80) और प्रतिका रावल (75) के बावजूद टीम 330 रन बचा नहीं सकी। इंग्लैंड से भी रोमांचक मुकाबले में हार मिली, हालांकि हरमनप्रीत (70) और दीप्ति (50) ने टीम को लगभग जीत के करीब पहुंचा दिया था।

वापसी की कहानी: न्यूज़ीलैंड के खिलाफ धमाकेदार जीत

न्यूज़ीलैंड के खिलाफ “डू-ऑर-डाई” मुकाबले में भारत ने टूर्नामेंट की सबसे दमदार पारी खेली। स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल ने शतक जमाए, जबकि जेमिमा रोड्रिग्स ने नाबाद 76 रन जोड़े। टीम ने 340/3 का विशाल स्कोर बनाया और 53 रन से जीत हासिल कर सेमीफाइनल में जगह पक्की की।

बारिश से रद्द हुआ बांग्लादेश मैच

अगले मुकाबले में बारिश ने खेल बिगाड़ दिया। भारत मजबूत स्थिति में था, लेकिन मैच रद्द हुआ और दोनों टीमों को एक-एक अंक मिला।

सेमीफाइनल में ऐतिहासिक जीत: ऑस्ट्रेलिया को चौंकाया

सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रच दिया। ऑस्ट्रेलिया ने 338 रन बनाए, लेकिन भारत की बल्लेबाजों ने जवाब में करिश्मा कर दिया। जेमिमा रोड्रिग्स (127*) और हरमनप्रीत कौर (89) ने 150 रनों की साझेदारी कर टीम को शानदार जीत दिलाई — यह विश्व कप इतिहास की सबसे बड़ी सफल चेज़ मानी जा रही है।

अब नजर खिताब पर

हरमनप्रीत कौर की टीम अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला विश्व कप जीतने से सिर्फ एक कदम दूर है। पूरे टूर्नामेंट में टीम ने दिखा दिया कि झटकों के बाद भी हौसला नहीं टूटता, यही इस ‘फाइटबैक’ की असली कहानी है।

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