दिसंबर को ‘गीता जयंती’ धूमधाम से मनाई जाएगी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि इस साल आम नागरिकों के साथ जेल में बंद कैदियों को भी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति दी गई है। इसी के साथ प्रदेश के स्कूलों, कॉलेजों के साथ राज्य की प्रमुख जेलों में बंदी श्रीमद्भगवद्गीता का सस्वर पाठ भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि “एक दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश में सभी जिला, विकासखंड और संभागीय मुख्यालयों पर श्रीमद्भगवद्गीता के पंद्रहवें अध्याय का पाठ किया जाएगा ताकि युग युगांतर तक श्रीकृष्ण के मान कल्याण का संदेश हम आत्मसात कर सकें। प्रदेश के स्कूलों, कॉलेजों के साथ राज्य की प्रमुख जेलों में बंदी श्रीमद्भगवद्गीता का सस्वर पाठ करेंगे। मध्यप्रदेश सरकार के ‘वीर भारत न्यास द्वारा’ गीता पाठ के साथ गीता प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रह रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा की सब भाग ले
सभी प्रकार के अधिकारी और जेल के अधिकारी प्रतियोगिताओं में तथा गीता पाठ में भाग लेने के लिए लोगों को अधिकाधिक प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि गीता जयंती के अवसर पर इस आयोजन से जुड़कर सभी लोगों की रुचि निर्मित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि “श्रीमद्भगवद्गीता का प्रादुर्भाव मध्यप्रदेश की धरती उज्जैन के आचार्य सांदीपनी के आश्रम से माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने पांच हज़ार साल पहले यहीं शिक्षा ग्रहण की थी। चौंसठ कला, चौदह विद्या, चारों वेद, सारे पुराण उपनिषद सबका निचोड़ अगर कहीं है किसी एक ग्रंथ में तो वो पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता में है।


