6,6,6,6,6,4,4,4…. CSK के फ्लॉप बल्लेबाज दीपक हुड्डा रणजी में चमके, 293 रन की खेल डाली ऐतिहासिक पारी

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भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से इतिहास रचा है। उन्हीं में से एक नाम है दीपक हुड्डा (Deepak Hooda) का। भारतीय टीम से लंबे समय से बाहर चल रहे यह बल्लेबाज एक बार फिर अपनी शानदार पारी के दम पर सुर्खियों में है।रणजी ट्रॉफी के मैदान पर हुड्डा (Deepak Hooda) ने पंजाब के खिलाफ ऐसी पारी खेली जिसने हर किसी को हैरान कर दिया।

उनके बल्ले से निकले हर शॉट में आत्मविश्वास और ग़ज़ब की ताकत झलक रही थी। यह पारी न केवल उनकी प्रतिभा का सबूत थी बल्कि इसने…
भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से इतिहास रचा है। उन्हीं में से एक नाम है दीपक हुड्डा (Deepak Hooda) का। भारतीय टीम से लंबे समय से बाहर चल रहे यह बल्लेबाज एक बार फिर अपनी शानदार पारी के दम पर सुर्खियों में है।

रणजी ट्रॉफी के मैदान पर हुड्डा (Deepak Hooda) ने पंजाब के खिलाफ ऐसी पारी खेली जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। उनके बल्ले से निकले हर शॉट में आत्मविश्वास और ग़ज़ब की ताकत झलक रही थी। यह पारी न केवल उनकी प्रतिभा का सबूत थी बल्कि इसने एक बार फिर यह जता दिया कि वह किसी भी गेंदबाज के सामने टिककर रन बनाने का दम रखते हैं।

पंजाब के खिलाफ Deepak Hooda का धमाकेदार प्रदर्शन

साल 2016 में रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा और पंजाब के बीच खेले गए मुकाबले में दीपक हुड्डा (Deepak Hooda) ने बल्ले से ऐसा कोहराम मचाया जिसे आज भी याद किया जाता है। दिल्ली के मैदान पर हुए इस मैच में उन्होंने पंजाब के हर गेंदबाज को निशाने पर लिया। गेंदबाजों की लय बिगाड़ते हुए उन्होंने पूरे मैदान में चौकों और छक्कों की झड़ी लगा दी।

हुड्डा ने अपनी इस ऐतिहासिक पारी में 25 चौके और 6 गगनचुंबी छक्के लगाए। उनकी बल्लेबाजी देखकर दर्शकों को लगा मानो वह लिमिटेड ओवर फॉर्मेट का मुकाबला खेल रहे हों, लेकिन यह पारी रणजी ट्रॉफी जैसे लंबे फॉर्मेट में आई थी, जो उनके धैर्य और क्लास दोनों को दर्शाती है।

तिहरे शतक से चूके, लेकिन बनाई ऐतिहासिक पारी

दीपक हुड्डा (Deepak Hooda) की यह पारी 293 रनों पर जाकर थमी, यानी वह मात्र 7 रन से अपने पहले तिहरे शतक से चूक गए। तिहरा शतक ज़माने से पहले दूसरे छोर के सारे बल्लेबाज़ आउट हो गए और वह इस कीर्तिमान को बनाने से चूक गए। उन्होंने इस पारी में 354 गेंदों का सामना किया और 598 मिनट तक क्रीज पर टिके रहे।

पंजाब के खिलाफ यह प्रदर्शन उस समय बड़ौदा टीम के लिए बेहद अहम था, क्योंकि विपक्षी टीम ने पहली पारी में 670 रन बनाकर मैच पर दबाव बना दिया था। ऐसे में हुड्डा की लंबी और जुझारू पारी ने टीम को मैच से बाहर नहीं होने दिया। यह पारी उनके करियर की अब तक की सबसे शानदार पारियों में गिनी जाती है।

मैच रहा ड्रॉ, लेकिन हुड्डा बने हीरो

हालांकि मैच का नतीजा ड्रॉ रहा, लेकिन पूरे मुकाबले के हीरो रहे दीपक हुड्डा (Deepak Hooda)। बड़ौदा की टीम ने पहली पारी में 529 रन बनाए और दूसरी पारी में बिना विकेट खोए 37 रन जोड़े। मैच का कोई परिणाम नहीं निकला, लेकिन हुड्डा को उनकी शानदार दोहरी शतकीय पारी के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ का खिताब दिया गया।

उनके बल्ले से निकली यह पारी दर्शाती है कि वह केवल सीमित ओवरों के खिलाड़ी नहीं हैं बल्कि लंबे फॉर्मेट में भी बड़े स्कोर खड़ा करने की क्षमता रखते हैं।

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