मलबे के नीचे दबे अब तक 7 शव निकाले गए।
इनमें दो सगे भाइयों के शव भी शामिल हैं।
अभी राहत-बचाव कार्य जारी है।
हादसे में प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुल 15 मजदूर खदान में कार्य कर रहे थे।
हादसा इतना भयावह था कि शव देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए।
मजदूरों के शरीर के चिथड़े उड़ गए थे।
शव इतने क्षत-विक्षत थे कि उनकी पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है।
काफी देर तक परिजन चिथड़ों में अपनों को तलाशते रहे।
किसी की पहचान हाथ में बंधे कलावा और गोदना से हुई तो किसी को उसके कपड़ों से पहचाना गया।
अब तक कुल 5 शव का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।


