नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार विकास के नाम पर खनन माफिया के साथ मिलकर जंगल को तबाह कर रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रकृति और आदिवासियों के खिलाफ़ राज्य-प्रायोजित अपराध है।
मैंने पहले भी चेताया था धीरौली में मोदानी एंड कंपनी को कानून को ठेंगा दिखाकर जंगल लूटने का लाइसेंस दिया गया है। और आज उसी भाजपा-प्रायोजित जंगल–डकैती का दृश्य सबके सामने है।
जंगल काटने का किया विरोध उमंग सिंघार
सिंगरौली के बासी-बैरदहा में जंगल की कटाई प्रकृति, पर्यावरण और आदिवासी समुदायों के संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन लोकतांत्रिक संस्थाओं के पहरेदार की बजाय कॉर्पोरेट हितों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘सिंगरौली के बांसी–बैरदह में 70 हेक्टेयर जंगल का वनसंहार — 33,000 पेड़ों की निर्मम हत्या है
विरोध करने पर उन्हें शासन प्रशासन की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘पुलिस-प्रशासन को लोकतंत्र का पहरेदार नहीं,कॉर्पोरेट गुलामी का चौकीदार बना दिया गया है। भाजपा का यह कॉर्पोरेट समर्पण मध्यप्रदेश की हरियाली को बलि चढ़ाकर दो–चार पूँजीपति मित्रों के काले साम्राज्य को बढ़ाने की साज़िश है।’ सिंघार ने कहा कि यह सिर्फ पेड़ों की कटाई नहीं बल्कि पर्यावरण संरक्षण नीति की हत्या, संविधान प्रदत्त वन-अधिकार का हनन,और आदिवासी अस्मिता पर निर्मम हमला है। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ पेड़ों की नहीं जनता बनाम भाजपा की तानाशाही,हरे–भरे मध्यप्रदेश बनाम कॉर्पोरेट लूट और भविष्य बनाम विनाश की लड़ाई है।


