लेह केलांग-दिल्ली बस सेवा को इस सीजन के लिए बंद दी गई है, जो देश के सबसे ऊंचे और लंबे रूट पर चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की सेवा है. इस बार इस सेवा को महज डेढ़ महीने में ही बंद कर दी गई है.: केलांग-दिल्ली बस सेवा को इस सीजन के लिए बंद दी गई है, जो देश के सबसे ऊंचे और लंबे रूट पर चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की सेवा है. इस बार इस सेवा को महज डेढ़ महीने में ही बंद कर दी गई है. 11 जून को इस साल ये सेवा शुरू की गई थी, लेकिन भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते इस सेवा को बंद करना पड़ा.
ऐसे में अब यात्री अगले साल ही सबसे ऊंचे और लंबे रूट पर सफर कर पाएंगे. ये रूट देश के सबसे ज्यादा दुर्गम और ऊंचाई वाले रूटों में आता है. ये बस सेवा बारालाचा, नकीला, लाचुलुंगला और तंगलंगला चार दर्रों से गुजरती है. ये अपना सफर 36 घंटे में पूरा करती है, जो लेह से दिल्ली तक जाती है. लेह से दिल्ली की दूरी करीब 1,026 किलोमीटर है.
बारिश और भूस्खलन बना कारण
जून से शुरू हुई इस सेवा को इस बार डेढ़ महीने में ही बंद करने का बड़ा कारण बारिश और भूस्खलन को बताया गया है. केलांग बस अड्डा प्रभारी प्रकाश शर्मा ने कहा कि लगातार बारिश और भूस्खलन से न सिर्फ ये रूट प्रभावित हुआ. बल्कि, हिमाचल और लद्दाख के टूरिज्म बिजनेस पर भी काफी असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि इस बार लेह से दिल्ली बस सेवा नो प्रॉफिट-नो लॉस की हालत में रही. यानी इससे न ही कोई फायदा हुआ और न ही किसी तरह का नुकसान झेलना पड़ा.
पिछले साल तीन महीने चली थी बस सेवा
पिछले साल ये सेवा पूरे तीन महीने चली थी. दिल्ली से लेह जाने वाले यात्रियों के लिए हिमाचल पथ परिवहन की तरफ से ये बस सेवा जून में शुरू की गई, जिसने तीन महीने तक पर्यटकों की यात्रा को सुगम और सुंदर बनाई, जिसके बाद खराब मौसम के कारण बस सेवा बंद कर दी गई थी. ये एसआरटीसी की तरफ से केलांग डिपो थी, जो पर्यटकों को मनाली-लेह के रास्तों पर चलाई जा रही थी. इस सुविधा के जरिए पर्यटकों को काफी सुविधा मिली थी, लेकिन इस बार डेढ़ महीने में ही ये सेवा बंद कर दी गई है.


