बादल बारिश का दौर थमते ही आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी और फिर सर्दी बढ़ेगी। नवंबर अंत में तेज ठंड का असर देखने को मिलेगा।
चक्रवाती तूफान मोंथा के कमजोर पड़ने से एक बार फिर मध्य प्रदेश का मौसम बदल गया है। हालांकि अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से हवाओं के साथ वातावरण में नमी आ रही है जिसके चलते बादल छाए हुए है। आज शनिवार को इंदौर, जबलपुर, उज्जैन संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई हैं। आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी और सुबह शाम ठंड का असर भी तेज होगा।
पहले हफ्ते में बारिश, दूसरे में बढ़ेगी सर्दी
दरअसल मौसम विशेषज्ञों की मानें तो नवंबर के पहले सप्ताह में वर्षा का दौर जारी रहेगा, जबकि दूसरे सप्ताह से उत्तरी हवाएं सक्रिय होने लगेंगी, जिसके चलते ठिठुरन में बढ़ोतरी होगी। वहीं पूर्व-मध्य अरब सागर पर बना अवदाब (डिप्रेशन) के पूर्व-मध्य अरब सागर के पार उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। दक्षिण हरियाणा और संलग्न राजस्थान के ऊपर माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है। 3 नवंबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना भी है।
आज शनिवार को इन जिलों में बारिश का अलर्ट
- इंदौर, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश।
- खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, उज्जैन, आगर मालवा में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है।
- देवास, मंदसौर, नीमच, रतलाम और शाजापुर जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।
शुक्रवार को कहां कैसा रहा मौसम
- धार, गुना, इंदौर, उज्जैन, खजुराहो, मंडला सागर, सीधी, उमरिया में हल्की बारिश हुई।
- प्रदेश में दिन का सबसे कम 22.5 डिग्री सेल्सियस तापमान उज्जैन में दर्ज किया गया।
- भोपाल में दिन का तापमान 24 डिग्री, इंदौर में 23.8 डिग्री, उज्जैन में 22.5 डिग्री, ग्वालियर में 25.2 डिग्री और जबलपुर में 24.5 डिग्री रहा।
- उज्जैन में पांच, सीधी में दो, उमरिया एवं धार में एक मिलीमीटर बारिश हुई।
- रात का सबसे कम 16 डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ एवं शिवपुरी में दर्ज किया गया।
1 जून से अब तक कहां कितनी हुई वर्षा
- मध्य प्रदेश में अब तक 48 इंच बारिश हो चुकी है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.2 इंच है। इस बार मानसूनी सीजन में 121 प्रतिशत बारिश हुई है यानि अनुमान से 15 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।
- गुना में सबसे ज्यादा 65.7 इंच बारिश हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में सबसे कम बारिश हुई।
- इंदौर संभाग में सामान्य बारिश का लक्ष्य पूरा हो गया। हालांकि उज्जैन में कोटा पूरा नहीं हो पाया। सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल संभागों में मानसून का जोरदार असर रहा। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र संभाग में औसत से ज्यादा बारिश हुई।
- ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।


