पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में एक अनूठी पहल की है, ‘अपणा CM – अपने खेता विच.’ यह केवल एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि शासन का नया मॉडल बन चुका है, जिसमें मुख्यमंत्री खुद खेतों में जाकर किसानों की समस्याएं सुनते और मौके पर समाधान सुनिश्चित करते हैं.
3200 से अधिक किसानों से सीधे बातचीत
पिछले दस महीनों में उन्होंने पंजाब के सभी 23 जिलों का दौरा किया है और 3,200 से अधिक किसानों से सीधे बातचीत की है. इस पहल का सबसे बड़ा असर यह है कि अब किसानों की शिकायतों का निपटारा 48 घंटे के भीतर किया जा रहा है, जबकि पहले इसमें 20 से 30 दिन लगते थे.
गेहूं खरीद और किसानों को सीधा लाभ
रबी सीजन 2025 के लिए राज्य सरकार ने 142 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए पूरे राज्य में 4,500 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. किसानों को ₹2,275 प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पारदर्शी खरीद सुनिश्चित की जा रही है. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रणाली के तहत अब किसानों को फसल बेचने के 24-36 घंटे के भीतर भुगतान मिल रहा है. इस सीजन में अब तक ₹11,400 करोड़ सीधे 7.8 लाख किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं.
जल संरक्षण और सिंचाई सुधार की दिशा में कदम
भूजल दोहन और जल संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार ने ₹3,200 करोड़ का ‘जल संरक्षण और सिंचाई आधुनिकीकरण पैकेज’ शुरू किया है. इसके तहत 1,150 किलोमीटर नहरों की सफाई और मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है. ‘पानी बचाओ, पैसा कमाओ’ योजना के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाने वाले किसानों को 90% तक सब्सिडी दी जा रही है. अब तक 28,500 किसान इस योजना से जुड़े हैं, जिससे 40% तक पानी की बचत हो रही है.
ऊर्जा और तकनीकी सशक्तिकरण
सरकार ने ‘हर खेत को रोशनी’ अभियान के तहत बिजली आपूर्ति को प्राथमिकता दी है. किसानों को फिलहाल 10-11 घंटे बिजली मिल रही है, जिसे दिसंबर 2025 तक 14-15 घंटे करने का लक्ष्य है. ₹1,650 करोड़ की लागत से 4,200 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं और बिजली ऐप के जरिए शिकायतों का निवारण अब औसतन 6 घंटे में हो रहा है.
आधुनिक कृषि उपकरण और पराली प्रबंधन
नवीन कृषि यंत्र योजना के तहत 50-75% तक सब्सिडी दी जा रही है. अब तक 46,000 किसानों को ₹820 करोड़ की सहायता दी गई है. पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए 8,500 मशीनें बांटी गई हैं, जिससे 68% कमी दर्ज की गई है.
बीमा, ऋण राहत और डिजिटल सेवाएं
फसल बीमा के तहत 58,000 किसानों को ₹285 करोड़ का मुआवजा 10 दिनों में दिया गया. पंजाब किसान समृद्धि योजना से किसानों को 0-2% ब्याज पर ₹5 लाख तक ऋण मिल रहा है. अब तक 3.1 लाख नए KCC जारी किए गए और ₹2,100 करोड़ का कर्ज माफ हुआ है.
डिजिटल सुविधा के रूप में ‘पंजाब किसान पोर्टल’ और ‘किसान सुविधा ऐप’ पर 4.2 लाख किसान पंजीकृत हैं. 184 ‘किसान सेवा केंद्र’ स्थापित किए गए हैं, जो एक ही स्थान पर सभी सेवाएं उपलब्ध कराते हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह पहल प्रशासन और जनता के बीच भरोसे की नई मिसाल बन गई है. किसान आज गर्व से कहते हैं, ‘साडा मुख्यमंत्री साडे नाल खड़ा ऐ.


