भारत की स्टार क्रिकेटर जेमिमा रोड्रिग्ज ने वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऐतिहासिक जीत दिलाई. उन्होंने डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धमाकेदार शतक से इतिहास रच दिया.टीम इंडिया तीसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई है. इससे पहले 2005 और 2017 के खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था. कंगारू टीम ने नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.5 ओवरों में 338 रन बनाए. जवाब में भारतीय टीम ने 48.5 ओवरों में 5 विकेट पर 341 रन बनाकर मैच को जीत लिया.
ऑस्ट्रेलिया को दिया गहरा जख्म
ऑस्ट्रेलिया लगातार 15 जीत के बाद महिला वर्ल्ड कप में हारा है. वह 2017 के बाद पहली बार किसी मैच में परास्त हुआ है. रोचक बात यह है कि पिछली बार भी उसे टीम इंडिया ने ही शिकस्त दी थी. तब हरमनप्रीत की शतक ने कंगारुओं को सेमीफाइनल में बाहर कर दिया था. अब जेमिमा की सेंचुरी ने उसे वापस घर लौटने पर मजबूर कर दिया है. भारत की इस बल्लेबाज के लिए पिछले 12-18 महीने काफी मुश्किल भरे रहे हैं. उनका नंबर टीम में तय नहीं था और पिता भी गंभीर आरोप लगे थे. विवादों के बीच जेमिमा आगे बढ़ती रहीं और अब टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचा दिया है.
पिता पर लगे थे धर्मांतरण के आरोप
पिछले साल अक्टूबर में मुंबई के सबसे पुराने क्लबों में से एक खार जिमखाना ने जेमिमा के पिता की सदस्यता रद्द कर दी थी. जेमिमा के पिता इवान रोड्रिग्स पर धर्मांतरण से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने के आरोप लगे थे. यह कार्रवाई खार जिमखाना के कुछ सदस्यों द्वारा उनके पिता इवान द्वारा क्लब परिसर का उपयोग धार्मिक गतिविधियों के लिए आरोप लगाने पर हुई थी. क्लब के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई थी. यह कहा गया है कि धार्मिक कार्यक्रम में धर्मांतरण के लिए उकसाया जा रहा था. उस विवाद ने जेमिमा को बुरी तरह तोड़ दिया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत किया.
जेमिमा की ऐतिहासिक पारी
जेमिमा ने इस वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल से पहले कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था. वह सिर्फ एक ही अर्धशतक न्यूजीलैंड के खिलाफ लगा पाई थीं. जेमिमाने 0, 32, 0, 33, 76, 127 स्कोर इस वर्ल्ड कप में अब तक किए हैं. हालांकि, उनका काम पूरा नहीं हुआ है और उनके ऊपर टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में जीत दिलाने पर होगी. वह वर्ल्ड कप नॉकआउट रन-चेज में शतक बनाने वाली दूसरी बल्लेबाज बन गईं. इससे पहले इंग्लैंड की नेट-साइवर ब्रंट (148*) ने 2022 के फाइनल में ऐसा किया था.
जेमिमा ने क्या किया?
जेमिमा ने कहा, ”सबसे पहले, मैं यीशु का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं. मैं यह सब अकेले नहीं कर सकती थी. मुझे पता है कि उन्होंने आज मुझे इस मुश्किल दौर से निकाला. मैं अपनी माँ, अपने पिताजी, अपने कोच और हर उस व्यक्ति का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जिन्होंने इस दौरान मुझ पर विश्वास किया. पिछले चार महीने वाकई बहुत मुश्किल रहे, लेकिन यह एक सपने जैसा लग रहा है और अभी तक पूरी तरह से साकार नहीं हुआ है.


