बरेली हिंसा का मास्टरमाइंड तौकीर रजा बदायूं की साधन सहकारी समिति करतौली की बैंक का कर्जदार कहे तो डिफॉल्टर निकला है। वो अपनी राजनीतिक रसूख के चलते बैंक का लोन नही चुका रहा था। तौकीर रजा पर जब बरेली पुलिस प्रशासन द्वारा शिकंजा कसा गया तब बदायूं की सहकारी बैंक हरकत में आई है और अब बैंक के कर्मचारी बड़ी कार्रवाई की बात कह रहे है । तौकीर रज़ा जनपद बदायूं का मूल निवासी निकला है और वो चुनाव भी पूर्व में रही विनावर विधायक सभा से लड़ चुका है। तौकीर रज़ा ने 1997 में 5055 का लोन लिया था जो अब बढ़कर लगभग 31 हजार हो गया है । बैंक कर्मचारी अब वसूलने की बात कह रहे हैं।
V/O 1 : दरअसल यह पूरा मामला बदायूं के करतौली गांव से जुड़ा हुआ है । इसी गांव का मूल निवासी जोकि बरेली बवाल का मुख्य आरोपी है । इसने साधन सहकारी समिति से सन 1997 से पहले में लगभग 5055 रुपए का उर्वरक लोन रसूलपुर पुठी समिति से लिया था । साधन सहकारी समिति ने तमाम नोटिस देने के बाद अपने रसूक के बल पर तौकीर रजा ने कोई जवाब नहीं दे रहा था । उसने ना ही बैंक का मूलधन व ब्याज लौटाया । राजनीति में जब तौकीर राजा का रसूख कायम हुआ तो बैंक कर्मचारियों की भी हिम्मत नहीं हुई कि उसे मूलधन वापस ले पाते । इसलिए सालों तक कार्रवाई ठप पड़ी रही और खानापूर्ति होती रही। तौकीर रजा मूल रूप से बदायूं के थाना बिनावर क्षेत्र के गांव करौली का रहने वाला है । लेकिन जब राजनीति में रसूख बना तो वह बरेली शिफ्ट हो गया। इस कारण बैंक के कर्मचारियों की हिम्मत नहीं हुई कि वह बकाया लोन और उसे पर बने ब्याज की धनराशि की मांग करते।
बाइट : हरी बाबू भारती
मुख्य कार्यपालक जिला सहकारी बैंक बदायूं
टेस्ट बाइट – बदायूं जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक हरी बाबू भारती ने बताया की तौकीर रजा ने 1997 में बैंक से 5055 रुपए का उर्वरक लोन लिया था जो उस जमाने में बहुत बड़ी धनराशि हुआ करती थी जिस पर व्याज सहित अब तक 28346 बकाया है इस पर पैनल इंटरेस्ट अभी नहीं लगाया गया है उन्होंने बताया कि राजनीतिक रसूल के चलते कई बार बैंक से नोटिस भी गये लेकिन ना तो कोई नोटिस का जवाब आया और ना ही उन्होंने बैंक का पैसा वापस लौटाया उनके राजनीतिक रसूख के चलते बैंक का कोई कर्मचारी उनके पास जाने की हिम्मत भी नहीं करता था अब क्योंकि यह बात सामने आई है तो इसमें कड़ी कार्रवाई की जा रही है और तहसीलदार से मिलकर धारा 95 का वारंट भी हासिल किया जायेगा और बैंक का मूलधन और उस पर व्याज सहित पैसा भी वापस लिया जाएगा आगे हम इसमें कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं।
V/O 2 : आपको बता दें कि तौकीर रज़ा बदायूं की बनावत विधानसभा से चुनाव लड़ चुका है और उसका चुनाव चिन्ह शेर था । भाजपा के पूर्व विधायक राम सेवक सिंह पटेल ने फोन पर बताया कि चुनाव के दौरान एक बार वह शेर लेकर आ गया था इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करने की बात की तब उसने चुनाव में शेर लाना बंद किया । नो नो यह भी बताया कि करीब 100 से 150 बीघा जमीन तौकीर के परिवार वालों पर थी जो अपनी सारी जमीन और बेचकर बरेली शिफ्ट हो गया था । नाना नानी की मिली बरेली में संपत्ति मिली और वह लोग बरेली की दरगाह से जुड़े थे इसी के चलते उसने वहीं से अपना रसूक बढ़ाना शुरू कर दिया । जो आगे चलकर प्रशासन की फ़ांस बनता रहा।

