बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के चुनावी रण में सियासी घमासान ने नया मोड़ ले लिया है। गोपालगंज की धरती से AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने जब मुस्लिम समुदाय (17% आबादी) को ‘CM फेस’ बनाने का सवाल उठाया, तो केंद्रीय मंत्री और LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने तुरंत पलटवार किया।चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बुधवार (29 अक्टूबर 2025) को कहा, ‘ओवैसी किस तरह की सोच को लोकतंत्र में बढ़ावा दे रहे हैं? मुसलमानों में डर का माहौल कब तक चलेगा?’ चिराग का ये तंज न सिर्फ ओवैसी की ‘डर की राजनीति’ पर चोट करता है, बल्कि मुस्लिम वोट बैंक को ‘बर्बाद’ करने का आरोप लगाता है।
पासवान ने मुसलमानों से अपील की- ‘बाहर आइए, वोट डालिए, जवाबदेही मांगिए। PM मोदी की योजनाएं सबके लिए हैं, बिना भेदभाव के।’ ये बयान महागठबंधन के ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ रिलीज के ठीक बाद आया, जहां तेजस्वी को CM कैंडिडेट बनाया गया। NDA की एकजुटता का दावा करते हुए चिराग ने महागठबंधन को ‘जंगलराज’ का आईना दिखाया। क्या ये सियासी रणनीति मुस्लिम-ईबीसी वोटों को NDA की ओर मोड़ेगी? आइए, इस बयानबाजी के तहलुकात, ओवैसी के ‘CM सवाल’ और बिहार की सियासी पिच पर इसका असर समझें, जहां 6-11 नवंबर को 243 सीटों पर जंग छिड़ने वाली है…बिहार चुनावी रणनीति के तहत AIMIM ने 28 अक्टूबर को गोपालगंज से कैंपेन की शुरुआत की। ओवैसी ने सीधा निशाना साधा। एक गांव की रैली में हैदराबाद सांसद ने कहा- ‘3% आबादी वाले निषाद नेता मुकेश साहनी को महागठबंधन उप-CM कैंडिडेट बना सकता है, तो 17% मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाला CM क्यों नहीं?’ ओवैसी का इशारा साफ-महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-VIP) पर ‘मुस्लिम वोट बैंक’ एक्सप्लॉइटेशन का आरोप। उन्होंने NDA (BJP-JD(U)-LJP) को भी लपेटा:- ‘कांग्रेस-RJD-SP BJP के डर का हवाला देकर वोट लेते हैं, लेकिन टिकट बंटवारे में मुसलमानों को हिस्सा नहीं देते। न BJP को रोका, न प्रतिनिधित्व दिया।’
ओवैसी की रणनीति साफ: सीमांचल-मिथिला के मुस्लिम बेल्ट (38 सीटें) में 100+ सीटों पर AIMIM लड़ने को तैयार। 2020 में 20 सीटों पर 5 जीत चुके, अब ‘न्याय यात्रा’ से फ्लड-प्रभावित इलाकों में घुसपैठ की कोशिश। ओवैसी का सवाल बिहार की सियासत को जाति-धर्म की धुरी पर ला पटका-मुस्लिम वोट (17%) महागठबंधन का कोर, लेकिन प्रतिनिधित्व कम। क्या ये NDA को फायदा देगा?
Chirag Paswan Ka Counter: ओवैसी ‘डर की राजनीति’ का मास्टरमाइंड
चिराग पासवान का पलटवार तुरंत और तीखा-29 अक्टूबर को पटना में मीडिया से बातचीत में सामने आया। OBC-दलित चेहरे ने ओवैसी को ‘डर की राजनीति’ का मास्टरमाइंड ठहराया। ‘ओवैसी मुसलमानों को डर दिखाकर वोट बैंक बनाए रखना चाहते हैं-कब तक ये चलेगा? लोकतंत्र में डर नहीं, भागीदारी चाहिए।’ पासवान ने मुसलमानों से अपील की- ‘बाहर आइए, वोट डालिए, जिसे चाहें चुनिए। लेकिन जवाबदेही मांगिए। PM मोदी की योजनाएं-उज्ज्वला, PMAY, आयुष्मान-धार्मिक-जातीय भेदभाव के बिना सबके लिए हैं।’
पासवान का तंज महागठबंधन पर भी: ‘तेजस्वी को CM फेस बनाना ‘जंगलराज’ की याद दिलाता है। NDA में नीतीश कुमार मजबूत लीडर, हम 225+ सीटें जीतेंगे।’ पासवान ने सीट शेयरिंग पर NDA की एकजुटता का दावा किया-LJP को 29 सीटें, JD(U)-BJP को 101-101। ये बयान पासवान की ‘बिहार फर्स्ट’ स्ट्रैटेजी का हिस्सा बना। 2020 में अकेले लड़े, JD(U) को नुकसान पहुंचाया। अब NDA में किंगमेकर बनने की कोशिश में लगे हैं।
Bihar Election Equation: महागठबंधन का ‘तेजस्वी प्रण’, NDA का नीतीश एज-ओवैसी का सवाल, चिराग का तंज, कौन जीतेगा?
बिहार की 243 सीटों पर 6 नवंबर (121 सीटें) और 11 नवंबर (122 सीटें) को वोटिंग, 14 नवंबर को रिजल्ट आएंगे। चुनाव आयोग ने इसे ‘मदर ऑफ ऑल इलेक्शंस’ कहा। महागठबंधन ने 28 अक्टूबर को ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ रिलीज किया-20 महीने में हर परिवार को नौकरी, महिलाओं को ₹2,500 मासिक, 50% आरक्षण सीमा हटाना। तेजस्वी CM फेस, मुकेश साहनी डिप्टी सीएम-ओवैसी का सवाल इसी पर:- ‘3% निषाद को डिप्टी सीएम, लेकिन 17% मुसलमान को क्यों नहीं CM?’ महागठबंधन में RJD (Yadav 14%) मुस्लिम वोट पर निर्भर, लेकिन टिकट में हिस्सा कम, जो AIMIM का एंट्री वोट स्प्लिट कर सकता है।
ये बयानबाजी बिहार की सियासत को ‘डर vs भागीदारी’ की धुरी पर ला पटकती है-ओवैसी का सवाल मुस्लिम असंतोष उभारता, चिराग का तंज NDA को मजबूत बनाता है। 14 नवंबर को रिजल्ट में क्या मुस्लिम वोट स्प्लिट होगा? वोटर ही फैसला करेंगे।


