नवरात्रि के नौ दिनों में अष्टमी और नवमी को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इन दोनों तिथियों पर परंपरागत रूप से कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है और उन्हें भोजन कराया जाता है। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत के अनुसार इस वर्ष दुर्गा अष्टमी 30 सितम्बर (मंगलवार) को मनाई जाएगी और महानवमी 1 अक्टूबर (बुधवार) को रहेगी। अष्टमी तिथि 29 सितम्बर शाम 4:31 बजे से प्रारंभ होकर 30 सितम्बर शाम 6:06 बजे तक रहेगी, अतः अष्टमी का कन्या पूजन 30 सितम्बर को किया जाएगा। वहीं नवमी तिथि 30 सितम्बर शाम 6:06 बजे से शुरू होकर 1 अक्टूबर रात 7:00 बजे तक रहेगी, जिसके कारण नवमी का पूजन 1 अक्टूबर को होगा। ज्योतिषाचार्य रुचि कपूर के अनुसार 30 सितम्बर मंगलवार को राहुकाल का समय दोपहर 3:09 से 4:39 बजे तक रहेगा, इस दौरान पूजन करने से बचना चाहिए। 1 अक्टूबर को राहुकाल का समय 12:10 बजे से 1:38 बजे तक होगा। मान्यता है कि अष्टमी और नवमी पर कन्याओं को भोजन कराना और उन्हें उपहार अर्पित करना अत्यंत पुण्यकारी होता है।