कोरोना टेस्ट में फर्जीवाड़ा : चौराहों पर रोककर नाम और नंबर पूछा, बिना जांच के अगले दिन मोबाइल पर भेजी निगेटिव रिपोर्ट; ऐसे हुआ खुलासा

भोपाल में कोरोना की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। चौराहों पर राहगीरों को रोककर उनके नाम और नंबर पूछ लिए गए और बिना स्वाब लिए उनके नंबर पर अगले दिन निगेटिव रिपोर्ट भेज दी गई।

ऐसे एक-दो नहीं सैकड़ों लोगों के नाम सामने आए हैं। सुभाष नगर निवासी निजी कंपनी में काम करने वाले नितेश को शनिवार को अयोध्या बाइपास पर रोका गया। उनसे कोरोना की जांच करने वाले मैजिक में बैठे स्टाफ ने नाम और मोबाइल नंबर पूछा, लेकिन कोई जांच नहीं की। अगले दिन रविवार को उनके मोबाइल पर कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट भेज दी गई। नितेश का कहना है कि जब जांच ही नहीं हुई तो रिपोर्ट किस बात की।

दरअसल, कोटरा सुल्तानाबाद में कबाड़ में 300 लिस्ट मिली थी, इसी लिस्ट से खुलासा हुआ है कि भोपाल में लोगों की जांच किए बिना ही निगेटिव रिपोर्ट भेजी जा रही है। यहां तक कि जो लोग जेपी अस्पताल में इलाज कराने जा रहे हैं, उनके नाम भी सड़क-चौराहों पर रोकर रैंडम जांच करने की लिस्ट में लिखे जा रहे हैं। इस पूरे मामले में CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी कुछ बोलने को ही तैयार नहीं है।

राजधानी भोपाल में CMHO ऑफिस की तरफ से रोजाना 5500 से 6 हजार कोरोना संक्रमण की जांच करने का दावा किया जा रहा है। यह जांच फीवर क्लीनिक, रेलवे स्टेशन और मैजिक वाहनों से चौक-चौराहे पर की जा रही है। इसी में से एक मैजिक वाहन की रेंडम कोरोना जांच के सैंपल में लोगों के नाम और मोबाइल नंबर और SRF ID लिखी हुई 300 से ज्यादा लोगों के नाम की 13 शीट कोटरा सुल्तानाबाद में रविवार को कबाड़ में मिली थी। यह सैंपल शनिवार को अयोध्या बाइपास के पास लिए गए थे। इस लिस्ट में दिए नंबरों पर कॉल करने पर पता चला कि जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

बिना जांच नितेश को भेजा गया निगेटिव रिपोर्ट का मैसेज।

बिना जांच के मुझे मिला निगेटिव रिपोर्ट का मैसेजसुभाष नगर निवासी निजी कंपनी में काम करने वाले नितेश ने बताया कि शनिवार को अयोध्या बाइपास पर मैजिक में बैठे स्टाफ ने नाम, मोबाइल नंबर पूछा, लेकिन कोई जांच नहीं की। अगले दिन रविवार को उनके मोबाइल पर कोरोना की सूची में उनके नाम के बाद लिखी 927560 SRF ID से निगेटिव रिपोर्ट का मैसेज आया।

मुझसे मेरा, माता-पिता का नाम पूछा, जांच नहीं कीआनंद नगर निवासी 20 साल के आशीष ने बताया कि शनिवार को अयोध्या बाइपास पर उनको रोक कर उनका नाम, मोबाइल नंबर पूछा। साथ ही माता-पिता का भी नाम पूछा। वह उस समय मौजूद नहीं थे। लिस्ट में आशीष, उनके माता-पिता की भी SRF ID से जांच करने के लिए लिखा गया है।

मैं तो जेपी अस्पताल जांच कराने गया थाबिलखिरिया निवासी कैलाश ने बताया कि वह शनिवार को जेपी अस्पताल के फीवर क्लीनिक में कोरोना की जांच कराने गए थे। उनको ना तो सड़क पर ना ही किसी चौराहे पर टेस्टिंग हुई। अब सवाल यह है कि कैलाश धोटे का नाम मैजिक वाहन की रैंडम टेस्टिंग में कैसे आया।

इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिएवहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खण्डेलवाल ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। उनका आरोप है कि इसमें 2023 की एक्सपायरी की स्वाब स्टिक भी मिली है। इसकी जानकारी रविवार शाम को मेरे द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी गई है। इसके बावजूद उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इससे साफ है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में सभी मिले हुए हैं। यह सीधे-सीधेलोगों की जान के साथ खिलवाड़ है।

CMHO ने नहीं दिया कोई जवाबइस पूरे मामले पर बात करने के लिए CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी को मैसेज और कॉल किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
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