एक पखवाड़े से बॉर्डर सड़क बंद, पूर्व राज्य मंत्री ने अनशन किया शुरू

मलारी हाईवे तमक नाले के पास पिछले 11 दिनों से बंद पड़ा हुआ है। जिस कारण हजारों की तादाद में ग्रामीणों को आवागमन और रोजमर्रा के कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने सड़क को खोलने की स्थानीय प्रशासन से गुहार भी लगाई थी प्रशासन के प्रयास के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

 जिसके बाद सोमवार  को नीति घाटी के लोगों ने अपने अन्य ग्रामीण समर्थकों के साथ जोशीमठ नगर में जलूस निकालकर आमरण अंशन शुरू कर दिया है।

बता दें कि पिछले 11 दिनों से नीति बार्डर हाईवे पहाडी से लगातार आ रहे मलवे एवं बोल्डरों के कारण जोशीमठ नगर से 38 किमी0 आगे तमक मरखुडा में बंद है। 

प्रशासन और बीआरओ यहां पर अभी तक कोई सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग तक नही बना सका है।

 वहीं बार बार दावे करने के बाद  प्रशासन सोमवार तक हैली रैस्क्यू भी शुरू नही कर पाया है।लोगों का कहना है कि 21 अगस्त को उपजिलाधिकारी जोशीमठ से जब शिष्ठमंडल ने वार्ता की तो उन्होंने आश्वस्त किया था, की अगर सडक नही खुलती है। तो हैली रैस्क्यू के माध्यम से नीति घाटी के विविध गांवों में फंसे लोगों को बाहर निकाला जोयगा। लेकिन अब प्रशासन मौसम का बहना बनाकर हैली रैस्क्यू शुरू नही कर रहा है।

ग्रामीण लक्ष्मण बुटोला, प्रेम बुटोला, बिरेन्द्र पंवार , सकुन्तला देवी कहते हैं। कि सेना के हैलीकाप्टर तो प्रतिदिन नीति घाटी के बार्डर ऐरिया में अपनी छावनियों में रसद सामाग्रियां पहुंचा रहे हैं। फिर प्रशासन के हेलीकाप्टर के आगे मौसम कैसे अवरोधक है। 

धरने पर बैठे पूर्व दायित्वधारी राज्य मंत्री- जोशीमठ विकासखंड के पूर्व ब्लॉक प्रमुख ठाकुर सिंह राणा सोमवार से तहसील में आमरण अंशन पर बैठ गए हैं।

उनका कहना है कि सरकार को सीमांत क्षेत्र के लोगों की कोई फिक्र नहीं है कहा कि एक और भारत सरकार डिजिटल इंडिया की बात कर रही है और दूसरी ओर पिछले एक पखवाड़े से सीमा से जुड़ी सड़क का दोस्त ना हो पाना अपने आप में एक सवाल को जन्म देता है उन्होंने कहा कि जब तक सीमांत घाटी के लोगों तक सरहद सामग्री वह हर संभव मदद नहीं पहुंचाई जाती वह प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुंचाया जाता तब तक वह आमरण अनशन जारी रखेंगे।

वहीं सूकी के प्रधान लक्ष्मण बुटोला ने कहा कि क्षेत्रिय विधायक को घाटी की चिन्ता नही है। व तमक मरखुडा रोड ब्लॉक ने साबित कर दिया है। कि केन्द्र द्वारा बीआरओ को कितनी आधुनिक ट्रेनिंग व उपकरण दिए गए हैं। स्थानीय निवासी प्रेम बुटोला, बिरेन्द्र पंवार , सकुन्तला देवी कहते हैं कि हजारों की तादात में लोग नीति घाटी के 16 गांवों में फंसे हुए हैं व जब तक उन्हें सकुसल नही निकाला जाता आमरण अंशन अंतिम सांस तक जारी रहेगा।
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