जानिए दुनिया भर के आतंकी संगठनों को क्यों पसंद है एक खास कंपनी की गाड़ियां?

जब अफगानिस्तान के अलग-अलग शहरों में तालिबान ने अपनी ताकत जुलूस के तौर पर दिखाई तो वहां पर दो तरह की गाड़ियां दिखी एक तो अमेरिका फौज की हमवी तो दूसरे थे एक खास कंपनी के पिकअप ट्रक। तस्वीरों में हथियारबंद तालिबान आतंकी इन ट्रकों में सवार होकर शहर के चक्कर लगाते हुए दिख रहे थे।

जापानी कंपनी टोयटा के ये ट्रक अपनी मजबूती के लिए मशहूर हैं । चाहें वो आज के तालिबान हों या फिर साल 1999 के तालिबान दोनों ही टोयटा कंपनी के इन पिकअप ट्रकों का इस्तेमाल करते हुए दिखते हैं। अफगानिस्तान की उबड़ खाबड़ और पहाड़ी जमीन के लिए ये पिकअप ट्रक भले ही ना बने हो लेकिन तालिबान इन ट्रकों के इंजन बदलकर इन्हें अफगानिस्तान में चलने लायक बनाते हैं।

साल 1996 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तब हथियारों से लगे टोयटा के हिलक्स ट्रक अफगानी राष्ट्रपति के दफ्तर में जा घुसे थे। तालिबान बड़े पैमाने पर इन ट्रकों का इस्तेमाल अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू करने के दौरान गश्त में किया करते थे।

जगह-जगह पर ऐसे ही पिकअप ट्रक खड़े रहते थे जिसमें तालिबान के आतंकी सवार रहकर आने जाने वाले लोगों पर निगाह रखते थे। बीस साल बाद भी तालिबान वही पिकअप ट्रक इस्तेमाल कर रहे हैं जो वो बीस साल पहले किया करते थे।

टोयटा के इन्हीं ट्रकों में बैठाकर तालिबान लोगों को मौत की सजा देने के लिए लेकर जाते थे। तालिबान का प्रतीक बन चुके इन ट्रकों से कंपनी की छवि इतनी ज्यादा खराब हुई की कंपनी ने जांच के आदेश दे दिए कि कैसे टोयटा कंपनी के पिकअप ट्रक आतंकियों के हाथ लग जाते हैं। टोयटा के सबसे खास और सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल टोयटा लैंड क्रूजर को लेकर तो कंपनी ने हाल में ही एक घोषणा भी की है।

2 अगस्त को कंपनी ने लैंड क्रूजर का नया मॉडल लांच किया है जिसकी कीमत 34 लाख रुपये से भी ज्यादा है। कंपनी ने कहा है कि जो भी कंपनी या आदमी इस गाड़ी को खरीदेगा उसे कंपनी के साथ बांड साइन करना पड़ेगा कि वो एक साल तक इस SUV को किसी और को नहीं बेच सकता है।

कंपनी के मुताबिक बाहर के देशों में टोयटा लैंड क्रूजर की बहुत मांग है और बहुत सारे लोग मोटी रकम लेकर इन गाड़ियों को ऐसी जगहों पर बेच देते हैं जो सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं हैं।

अब अगर कोई शख्स टोयटा की गाड़ियां किसी आतंकी संगठन को बेचेगा तो उस पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। कंपनी के मुताबिक मानव अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं के बीच टोयटा के ऐसे मॉडल खासे लोकप्रिय है क्योंकि ये हर किसी तरह की जमीन और पहाड़ में चल सकते हैं लेकिन आतंकियों तक इनकी पहुंच होना कंपनी के लिए भी सिरदर्द बनता जा रहा है। कंपनी के मुताबिक पिछले 40 साल में रेडक्रॉस और संयुक्त राष्ट्र को वो डेढ़ लाख गाड़ियों की सप्लाई कर चुके हैं।

कंपनी के मुताबिक बहुत से विकासशील देशों में मानव अधिकार संस्थाएं काम करती हैं और वहीं पर इस तरह के आतंकी ग्रुप भी होते हैं । ऐसे देशों में टोयटा के पिकअप ट्रकों को चोरी कर आतंकी संगठनों तक पहुंचाया जाता है।
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