South China Sea द्वीप पर ड्रैगन कर रहा सैन्य विमानों की तैनाती, आखिर क्या है इसके पीछे चाल?
चीन की विस्तारवादी निति से पूरी दुनिया वाकिफ़ है. एक ओर जहाँ चीन दोस्ती का हाथ बढ़ता है तो वहीं वह उनके पीठ पर छुरा घोप देता है और इस बात का तो इतिहास भी गवाह है. चीन आए दिन अपनी हरकतों से या फिर किसी न किसी विवादों से घिरा रहता है. विस्तारवादी नीति पर चलने वाला ड्रैगन जमीन से लेकर समुद्र पर कब्जे की कोशिश में लगा रहता है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत के साथ ही चीन का सीमा विवाद है. बल्कि, 20 से ज्यादा देशों पर विस्तारवादी सोच वाला चीन अपना दावा करता है. चीन के बारे में नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा था, वहां एक दैत्य पड़ा सो रहा है, उसे सोने दो, क्योंकि जब वह उठेगा तो आतंक पैदा कर देगा. नेपोलियन की यह भविष्यवाणी दो सौ साल बाद सच साबित हो रही है. दरअसल चीन में राजशाही हो, गणतंत्र हो या साम्यावदी शासन, हर काल में उसने ताकत और हथियार के बल पर अपने साम्राज्य का विस्तार किया है. हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने साउथ चाइना सी में अवैध तरीके से बनाए गए कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य विमानों को तैनात करने की फ़िराक में लगा हुआ है.
आपको बता दें कि सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि चीन ने इन विवादित द्वीपों पर कई लड़ाकू और गश्ती विमान, हैवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों को तैनात किया है. चीन का सपना सैन्य अड्डे के सहारे पूरे साउथ चाइना सी पर राज करने का है. यही कारण है कि पूरे इलाके को लेकर चीन का ताइवान, वियतनाम, जापान, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रुनेई और फिलीपींस के साथ विवादों का केंद्र बना हैं.
तो वहीं बात दें कि मई और जून में स्प्रैटली द्वीप समूह में बनाए गए सैन्य अड्डे पर चीन ने केजे-500 एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात किया है. दूसरी ओर सैटेलाइट तस्वीरों में सूबी रीफ पर बने एयरबेस पर वाई-9 ट्रांसपोर्ट विमान और जेड-8 हैवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर खड़े दिखाई देंगे. चीन ने कुछ महीने पहले ही इस द्वीप के नजदीक एक बड़ा नौसैनिक अभ्यास भी किया था. जिसमें चीन के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर लियाओनिंग के साथ उसके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने भी हिस्सा लिया था.
अमेरिकी नौसेना के पूर्व नेवल इंटेलिजेंस ऑफिसर माइकल डाहम ने बताया कि सैटेलाइट तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि चीन ने इन विमानों को स्थायी रूप से इस द्वीप पर तैनात किया हुआ है. जो माइकल इन दिनों जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के साथ काम कर रहे हैं उन्होंने बताया कि 2021 के सैन्य गतिविधि में सबसे बड़ा बदलाव चीनी स्पेशल मिशन के के विमान और हेलीकॉप्टरों की सुबी और मिस्चीफ रीफ्स में उपस्थिति है.उन्होंने कहा कि यह तैनाती दर्शाता है कि PLA ने उन हवाई क्षेत्रों से हवाई संचालन शुरू कर दिया है.
वहीं, ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स (AIIA) के राष्ट्रीय कार्यकारी निदेशक डॉक्टर ब्रायस वेकफील्ड ने news.com.au को बताया कि इससे पता चलता है कि चीन इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. अब देखना ये है कि आखिर कब चीन अपनी गंदी चालों से बाज़ आएगा.
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