आइआइटी रुड़की का 21 वां दीक्षा समारोह आनलाइन मोड पर किया आयोजित
रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी ) रुड़की का 21वां दीक्षा समारोह आनलाइन मोड पर आयोजित किया। समारोह में 1804 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं। समारोह में 912 स्नातकों, 685 स्नातकोत्तर छात्रों और 207 डाक्टरेट की उपाधिया दी गई। आइआइटी रुड़की ने कोरोना काल को देखते हुए इस साल भी दीक्षा समारोह को वर्चुअल आयोजित किया। समारोह की शुरुआत वैदिक मंत्रोचार और छात्रों की ओर से कुलगीत (संस्थान गीत) के गायन से हुई।
मुख्य अतिथि कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप के खोसला ने कहा कि आइआइटी रुड़की समाज की उन्नति और तकनीक के विकास में अहम भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने उपाधि हासिल करने वाले छात्रों से कहा कि वह समाज और देश हित में अपना योगदान दें। संस्थान के छात्रों ने कोरोना काल में भी सिद्ध कर दिया है कि वो विपरीत परिस्थितियों में भी कामयाब हो सकते हैं। समारोह में 43 स्वर्ण पदक समेत कुल 125 पदक प्रदान किए। इसके अलावा 156 छात्रों को 12.45 लाख के नकद पुरस्कार दिए। कुल 125 पुरस्कारों में से 83 शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए, 26 परियोजना और शोध कार्य के लिए, पांच पीएचडी थीसिस के लिए और आठ समग्र प्रदर्शन के लिए प्रदान किए। इसके अलावा समाज सेवा के लिए पूर्व राष्ट्रपति डा. शकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक भी प्रदान किया गया, जबकि सामुदायिक सेवा के लिए केदार नाथ अग्रवाल, आइएसई मेमोरियल ट्राफी और नकद पुरस्कार भी दिया गया। युवा नेतृत्व के लिए डा. जय कृष्णा स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। समारोह की अध्यक्षता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के अभिशासक परिषद के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने कि। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल शैक्षणिक डिग्री प्राप्त करना नहीं है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक उपाधि का अर्थ अपनी बुद्धि को निखारना, एक गौरवान्वित और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित करना है। अभिशासक परिषद के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने कहा कि कोरोना काल ने हमें विपरीत परिस्थितियों में चुनौतियों का सामना करना सिखाया है। मानव अपनी इच्छाशक्ति के बल पर चुनौतियों का सामना कर सकता है।
पुरस्कार और पदक हासिल करने वाले छात्र
रुड़की। बीटेक कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के छात्र सिद्धार्थ को प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल दिया गया, जबकि जानपद इंजीनियरिंग के छात्र आदित्य उपाध्याय को इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल और बीटेक कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के छात्र आशुतोष चौबे को इंस्टीट्यूट ब्राज मेडल दिया गया। बीटेक धातु और पदार्थ अभियात्रिकी के छात्र अक्षय सुब्रमण्यम को डायरेक्टर गोल्ड मेडल प्रदान किया। भारत के राष्ट्रपति डा. शकर दयाल शर्मा गोल्ड मेडल केमिकल इंजीनिरिंग के छात्र प्रथम गुप्ता को दिया गया। इसके अलावा डा. जयकृष्ण स्वर्ण पदक जैव प्रोद्योगिकी की छात्रा मुस्कान भाबरी को प्रदान किया गया।
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