योगी जी…इंसाफ कीजिये, गोरखपुर पुलिस पर भरोसा नहीं

गोरखपुर। मंगलवार को पुलिस की पिटाई से हुई कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या के बाद से मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने यहां से लेकर कानपुर तक अकेले ही पूरे प्रशासन से जूझ रही हैं।दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ देर रात केस दर्ज करने के बाद गोरखपुर पुलिस की भारी फोर्स मनीष के शव और परिजनों के साथ कानपुर गई।मनीष के परिजनों के मुताबिक सुबह 8.30 बजे घर पहुंचने से पहले ही उनका पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका था। उधर, मृतक के परिवार ने अब तक इस मामले में एक भी दोषी पुलिस वालों की गिरफ्तारी सहित 5 मांगों को लेकर अब अंतिम संस्कार करने से इंकार कर रहे हैं।सरकार की छवि भी धूमिल कर रहा पुलिस प्रशासन जबकि मृतक मनीष की पत्नी का कहना है कि वह पति की हत्या का केस गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर कराएंगी। कहा कि वैसे भी केस के लिए बार-बार मुझे गोरखपुर के चक्कर काटने पड़ेंगे। 

मीनाक्षी ने आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के बाद से ही गोरखपुर के पुलिस अधिकारी दोषी कर्मियों को बचाने में लगे हुए हैं। देर रात तक अधिकारी हत्या को हादसा बताने में लगे रहे।आरोप लगाया कि यहां के पुलिस अधिकारी यूपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को भी धूमिल करने में लगे हैं, ऐसे में उन्हें गोरखपुर की पुलिस पर जरा भी भरोसा नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि अब तक एक भी दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई नहीं की गई। मुकदमा भी खुद सीएम की पहल पर दर्ज किया गया है। इसमें पुलिस व प्रशासन ने खुद से कुछ भी नहीं किया। अब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती, वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगी।इसके साथ ही इस मामले ने बड़ा राजनैतिक रुप अख्तियार कर लिया है। भाजपा के साथ ही कांग्रेस, सपा और बसपा नेताआओं ने कानपुर में मृतक के घर पर डेरा डाल रखा है। 

परिजनों की मांग है कि मृतक की पत्नी मीनाक्षी को सरकारी नौकरी दी जाए। जबकि उनके 4 साल के मासूम बेटे के पालन- पोषण का जिम्मा भी सरकार उठाए। इसके अलावा दोषी पुलिसकर्मियों की तत्काल गिरफ्तारी और सीएम योगी आदित्यनाथ के मौके पर आने के बाद ही वह मनीष का अंतिम संस्कार करेंगे।सोशल, मीडिया पर भी यह मामला अब काफी ट्रेंड होने लगा है। एक दिन पहले बनाए गए मीनाक्षी के ट्वीटर अकाउंट पर तेजी से फॉलोवर्स बढ़ रहे हैं। वहीं, मनीष की मौत पर इंसाफ की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट तेजी से वायरल हो रहे हैं। ऐसे में यह मामला अब सरकारी महकमें के माथे पर बल डालने लगा है।इंस्पेक्टर रामगढ़ताल रहे जेएन सिंह पर मंगलवार की सुबह मनीष की हत्या के मामले में सस्पेंड और देर रात केस दर्ज होने के बाद बुधवार को इंस्पेक्टर केके राणा को रामगढ़ताल थाने का नया प्रभारी नियुक्त किया गया। केके राणा अभी हाल के दिनों में कुशीनगर से ट्रांसफर होकर गोरखपुर पुलिस लाइन में थे। जिले में इन्हें अभी पहला प्रभार मिला है।
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