सुखद योजना : हमारी पहचान एनजीओ

कहा जाता है जहां चाह वहां राह इस कहावत को हमारी पहचान एनजीओ के संस्थापक तरुण माथुर ने सच साबित किया है, उनकी समाज के प्रति कुछ कर गुजरने की चाह ने एक टीम तैयार कर महिलाओं के प्रति सम्मान जाहिर किया है।

 पूरे घर की देखभाल करने वाली महिला को अभी तक उन कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी नहीं है जो उसे चिंतित करती हैं। इसका मुख्य कारण अज्ञानता और इन विषयों पर खुलकर चर्चा करने में असमर्थता है। दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण और कल्याण के लिए संरचनात्मक स्वच्छता महत्वपूर्ण है। इसी के संबंध में हमारी पहचान एनजीओ ने सुखद नामक योजना की पहल की, हमारी पहचान एनजीओ आधिकारिक तौर पर २०१५ के बाद से काम कर रहा है और यह देश भर के लोगों के लिए एक बड़ा मंच के लिए खुद के लिए एक पहचान का निर्माण किया है । हमारे संस्थापक श्री तरुण माथुर एक अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी हैं, जिन्होंने विदेशों में कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया । उन्होंने समाज की सेवा के लिए अपना जीवन और आत्मा समर्पित किया है हमारी संस्था की अध्यक्षा अंजलि माथुर ने आसपास के स्लम क्षेत्रों में भोजन और दवाइयां वितरित करके यह साबित कर दी है कि अगर मन में सच्ची सेवा करने की जज्बा हो तो इंसान को किसी भी पद की जरूरत नहीं होती और वह निस्वार्थ भाव से गरीबों और मजदूरों की सेवा कर सकते हैं चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, , हमारी पहचान एनजीओ महिलाओं के लिए  सुरक्षित और स्वच्छ आजीविका प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू  हुआ है ।

 भारत की महिला आबादी में से सिर्फ 36 प्रतिशत महिला सेनेटरी पैड का इस्तमाल करती है । 70 प्रतिशत महिला सैनेटरी पैड इस्तमाल सिर्फ इसलिए नहीं कर पाती है क्योंकि वह उसका खर्चा नहीं उठा पाती है । गांव के क्षेत्रों में महिलाओं को अपने महीने के सबसे कठिन समय के लिए सुती कपड़े या कपास, सूखी पत्तियों और अन्य चीजों का उपयोग करके काम चलाती है । उसकी अस्वास्थ्यकर स्थितियों के कारण गर्भाशय के कैंसर, बैक्टीरिया के विकास और कई अन्य बीमारियों को बढ़ावा देता है । दुकान के अंदर लोगों से ‘अजीब दिखने वाला’ से बचने के लिए ज्यादातर महिलाएं पैड खरीदने के लिए केमिस्ट शॉप पर अकेले नहीं जाती हैं। पैड खरीदने के बाद भी हम उन्हें काली पॉलीथिन (पन्नी) में प्राप्त करते हैं। स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा जागरूकता की कमी भी एक बड़ी समस्या है।

 हम हमरी पहचान गैर सरकारी एनजीओ के संस्थापक तरुण माथुर और वाइस प्रेसिडेंट अंजलि माथुर के साथ प्रोजेक्ट हेड मिस आरती वर्मा और उनकी टीम ने यह पहल मई २०२० में शुरू हुई थी और फिर हमने अगस्त २०२० में इसे एक परियोजना में बदल दिया महिलाओं के मेंट्रुअल हाइजीन के लिये एक पहल शुरू किया जो बाद में एक योजना बन गई क्योंकि यह समाज में इतनी सारी सेनेटरी पैड वंचित महिलाओं तक पहुंच गया । हमने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सैनिटरी किट वितरित की ताकि वे मासिक धर्म के दौरान अपनी स्वच्छता बनाए रख सकें, न केवल हमने इसे वितरित किया, बल्कि हमने उन्हें पैड आदि को निपटाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल बैग बनाकर जीवन यापन करने का अवसर भी प्रदान किया, हमने उन्हें ज्ञान प्रदान किया कि उन्हें निपटान क्यों महत्वपूर्ण है । 

लॉक डाउन ने हमें यह महसूस कराया है कि मासिक धर्म स्वच्छता सुखद सुनिश्चित करने के लिए कुछ गंभीर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, जो मासिक धर्म के अपने समय के दौरान वंचितों के जीवन को थोड़ा कम कठिन बनाने के लिए शुरू की गई एक पहल है । उसी के माध्यम से, हम मासिक धर्म स्वच्छता किट वितरित करते हैं और उन्हें अपनी स्वच्छता और स्वास्थ्य को बनाए रखने के तरीके के बारे में शिक्षित करते हैं। इस पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके मासिक धर्म के बारे में शिक्षित करना और इससे कैसे निपटा जाए। हम न केवल इन महिलाओं को बेहतर मासिक धर्म स्वच्छता के साथ मदद करना चाहते थे, बल्कि उन्हें कौशल विकास पहल के तहत रोजगार भी देना चाहते थे । इस साल, हम विभिन्न मलिन बस्तियों और जी. बी रोड पर एक वेश्यालय के पास गये , जागरूकता फैलाने और मासिक धर्म पैड और साबुन की बुनियादी आवश्यकताओं के साथ यहां रहने वाली महिलाओं को उपलब्ध कराने । इसके अलावा, हमने वेश्यालय में रहने वाली महिलाओं को रोजगार के अन्य अवसर प्रदान किए और उन्हें समाज में गरिमा का आत्मनिर्भर जीवन जीने में मदद की । मासिक धर्म की महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन को अधिक सुलभ बनाने के लिए, हम ‘पैड मेकिंग मशीन’ परियोजना का उद्घाटन करने के लिए काम कर रहे हैं, जिससे महिलाओं को न केवल एक सुरक्षित मासिक धर्म चक्र, बल्कि रोजगार भी प्रदान किया जा सके।

वर्ष 2020 में सुखद की हमारी पहल के संबंध में हमारी पहचान एनजीओ द्वारा की गई पहल के संबंध में काफी प्रगति देखी गई है। इतना ही नहीं हमरी पहचान एनजीओ की टीम झुग्गी बस्तियों और सड़क के किनारे रहने वाली महिलाओं के बीच 20000 से अधिक सुखाड़ मेंटस्ट्रल हाइजीन किट वितरित करने में सक्षम है। हर शनिवार हमारी पहचान एनजीओ अपनी टीम के साथ स्लम इलाकों में जाकर उन महिलाओं को सैनिटरी पैड्स वितरित करता है और पैड के लिए फंड एनजीओ के वॉलंटियर्स और एनजीओ के सदस्यों द्वारा दिया जाता है। हमारी पहचान एनजीओ के संस्थापक तरुण माथुर और उनकी टीम ने महिला स्वच्छता के लिए सैनिटरी पैड वितरित करके हमारे समाज की महिलाओं की दिशा में एक महान प्रयास किया, ताकि पूरे घर की देखभाल करने वाली महिलाएं समाज की बेहतरी के लिए खुद को सुरक्षित रख सकें ।
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