कोविड-19 से खरीदारी धारणा में क्या बदलाव आया है?
कोविड-19 महामारी ने अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर दबाव डालने के साथ साथ दुनियाभर में समाज, अर्थव्यवस्थाओं और देशों को घातक रूप से प्रभावित किया है। इसने उपभोक्ताओं के व्यवहार और आदतों को हमेशा के लिए बदल दिया है। हालांकि हम में से कई लोगों के लिए शॉपिंग, बैंकिंग और कई अन्य क्षेत्रों में डिजिटलीकरण जैसी पहले से लोकप्रिय हो रही पहलों को अपनाने में मदद मिली है।
चूंकि हम आर्थिक सुधार की राह पर हैं, इसलिए इन लॉकडाउन की वजह से व्यवसाय परिचालन, उपभोक्ता व्यवहार और उनकी दैनिक जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। बाजार ने दुनियाभर में ई-कॉमर्स परिचालन में शानदार तेजी के जरिये महामारी की पहली लहर में उपभोक्ता व्यवहार में पहले ही बड़ा बदलाव दर्ज किया है। ये बदलाव विभिन्न सरकारी उपायों, हस्तक्षेप और प्रतिबंधों पर आधारित थे। जरूरी सामान और सेवा को लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर निर्भरता बढ़ी।
उपभोक्ता खरीदारी व्यवहार-किस तरह से आया बदलाव:
हम सभी ने यह देखा कि उपभोक्ताओं की खरीदारी में डिजिटल को बढ़ावा मिला है। कई सर्वे में यह पाया गया कि उपभोक्ताओं ने खर्च की जाने वाली रकम का ज्यादा लाभ पाने के लिए वैल्यू-बेस्ड खरीदारी पर जोर दिया है। डिस्क्रेशनरी खर्च में भारी कमी आई और तुलनात्मक तौर पर ट्रेंडिंग ग्राफ से जरूरी सामान और सेवाओं की बिक्री में वृद्धि का पता चला है। अच्छी तेजी से जुड़ी खरीदारी की श्रेणियों में एसेंशियल, ट्रैवल और फेस्टिवल स्पेंड्स शामिल हैं।
जब उपभोक्ता का सामान्य खरीदारी पैटर्न बाधित होता है तो उसके लिए नए ब्रांडों को आजमाने की संभावना बढ़ जाती है और स्थानीय कंपनियां भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हो जाती हैं। इससे बाद में बेहतर वैल्यू मिलती है, क्योंकि इसकी संभावना रहती है कि उपभोक्ता नए आजमाए ब्रांडों को आगे भी पसंद करते रहेंगे। मौजूदा समय में ग्राहक अपनी खरीदारी को लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं और इससे ग्राहक अनुभव बदल रहा है।
लचीलेपन और अनुकूलनशीलता को कोविड-19 के दौरान उपभोक्ता व्यवहार की दो प्रमुख गतिशील शक्तियों के तौर पर चिन्हित किया गया है।
यह पाया गया है कि उपभोक्ता सेवाओं के लिए डिजिटल माध्यमों पर निर्भर कर रहे हैं, क्योंकि वे अभी भी व्यक्तिगत तौर पर खरीदारी में सहज महसूस नहीं करते हैं, और एक सकारात्मक ग्राहक अनुभव खरीदारी निर्णय और लॉयल्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 2021 में उपभोक्ता सुविधाजनक और आसान ग्राहक अनुभव चाहते हैं।
ऑनलाइन शापिंग का बढ़ता ट्रेंडमहामारी से खरीदारों और उपभोक्ताओं का ऑनलाइन की तरफ लगाव बढ़ा है और यह उभरता उस वक्त भी ट्रेंड बरकरार रहने की संभावना है, जब पारंपरिक स्टोर और दुकानें फिर से खुलने लगी हैं। आज ग्राहक सब कुछ ऑनलाइन पर खरीदना चाहता है, चाहे वह हैंड सैनिटाइजर से लेकर किराना सामान हो या स्किनकेयर से लेकर वेलनेस प्रोडक्ट हों।
महामारी की दूसरी लहर के साथ वास्तव में ऑनलाइन खरीदारी में तेजी आई है, क्योंकि अब विज्ञापन और डिलिवरी, विक्रेता की तरफ से ग्राहक अनुभव पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
उपभोक्ताओं द्वारा फिजीकल और वर्चुअल रिसोर्सेज के समावेश पर जोर दिया गया है और वे अब समेकित अनुभव में ज्यादा विश्वास करते हैं। डिजिटल टूल्स ने बुजुर्ग लोगों के लिए वर्चुअल दुनिया से जुड़ाव आसान बनाया दिया है, क्योंकि पारंपरिक संबंधित प्रतिबंध की स्थिति में इसका लाभ महसूस कर रहे हैं। इस तरह के प्रतिबंध ने हम सभी की जिंदगी प्रभावित की है। पहले जब खरीदारी काफी हद तक पारंपरिक आउटलेटों तक सीमित थी, वहीं अब ई-कॉमर्स ने हमें ज्यादा सुविधाजनक विकल्प प्रदान कर इसे आसान बना दिया है।
बाजारों में उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं में भी बदलाव का अनुभव किया गया है, क्योंकि उन्होंने अच्छे उत्पाद की खरीदारी रोक दी है और किराना तथा घरेलू एंटरटेनमेंट को छोड़कर खपत सीमित की है।
कोविड-19 महामारी की इस चुनौती के दौरान उपभोक्ता व्यवहार बदला है। इसके परिणामस्वरूप, व्यवसायियों के लिए प्रतिस्पर्धा में डटे रहने के लिए रणनीतियों में बदलाव और मौजूदा उपभोक्ता व्यवहार मॉडलों पर पुनः ध्यान देने की जरूरत पैदा की है।
उपभोक्ता व्यवहार में अब ‘न्यू नॉर्मल’ निम्नलिखित आयामों से संबद्ध हो सकता हैः
खपत, बचत और स्वास्थ्य जैसे कारकों से संबंधित उपभोक्ता व्यवहार को समझने में स्पिरिचुअल थिंकिंग
◆ उपभोक्ताओं में व्यवहार बदलावों को पूरा करने के लिए संसाधनों के एकत्रीकरण की दिशा में तेज गति◆ नए सतर्क उपभोक्ता बाजार को उपहार के तौर पर नए उत्पाद और सेवाएं तैयार करना
सभी ट्रेंड को ध्यान में रखकर संगठन और कंपनियां उपभोक्ताओं के लिए अपनी विपणन रणनीतियों को पुनः तैयार करने के लिए तैयार हैं। उनमें उपभोक्ताओं की त्वरित और आगामी जरूरतों को पूरा करने को लेकर जोश है, क्योंकि इन जरूरतों को इस कोविड-19 महामारी के दौरान नया रूप मिला है।
कोविड-19 से खरीदारी धारणा में क्या बदलाव आया है?
कोविड-19 महामारी ने अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर दबाव डालने के साथ साथ दुनियाभर में समाज, अर्थव्यवस्थाओं और देशों को घातक रूप से प्रभावित किया है। इसने उपभोक्ताओं के व्यवहार और आदतों को हमेशा के लिए बदल दिया है। हालांकि हम में से कई लोगों के लिए शापिंग, बैंकिंग और कई अन्य क्षेत्रों में डिजिटलीकरण जैसी पहले से लोकप्रिय हो रही पहलों को अपनाने में मदद मिली है।
चूंकि हम आर्थिक सुधार की राह पर हैं, इसलिए इन लॉकडाउन की वजह से व्यवसाय परिचालन, उपभोक्ता व्यवहार और उनकी दैनिक जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। बाजार ने दुनियाभर में ई-कॉमर्स परिचालन में शानदार तेजी के जरिये महामारी की पहली लहर में उपभोक्ता व्यवहार में पहले ही बड़ा बदलाव दर्ज किया है। ये बदलाव विभिन्न सरकारी उपायों, हस्तक्षेप और प्रतिबंधों पर आधारित थे। जरूरी सामान और सेवा को लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर निर्भरता बढ़ी।
उपभोक्ता खरीदारी व्यवहार-किस तरह से आया बदलाव
हम सभी ने यह देखा कि उपभोक्ताओं की खरीदारी में डिजिटल को बढ़ावा मिला है। कई सर्वे में यह पाया गया कि उपभोक्ताओं ने खर्च की जाने वाली रकम का ज्यादा लाभ पाने के लिए वैल्यू-बेस्ड खरीदारी पर जोर दिया है। डिस्क्रेशनरी खर्च में भारी कमी आई और तुलनात्मक तौर पर ट्रेंडिंग ग्राफ से जरूरी सामान और सेवाओं की बिक्री में वृद्धि का पता चला है। अच्छी तेजी से जुड़ी खरीदारी की श्रेणियों में एसेंशियल, ट्रैवल और फेस्टिवल स्पेंड्स शामिल हैं।
जब उपभोक्ता का सामान्य खरीदारी पैटर्न बाधित होता है तो उसके लिए नए ब्रांडों को आजमाने की संभावना बढ़ जाती है और स्थानीय कंपनियां भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हो जाती हैं। इससे बाद में बेहतर वैल्यू मिलती है, क्योंकि इसकी संभावना रहती है कि उपभोक्ता नए आजमाए ब्रांडों को आगे भी पसंद करते रहेंगे। मौजूदा समय में ग्राहक अपनी खरीदारी को लेकर लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं और इससे ग्राहक अनुभव बदल रहा है। लचीलेपन और अनुकूलनशीलता को कोविड-19 के दौरान उपभोक्ता व्यवहार की दो प्रमुख गतिशील शक्तियों के तौर पर चिन्हित किया गया है।
यह पाया गया है कि उपभोक्ता सेवाओं के लिए डिजिटल माध्यमों पर निर्भर कर रहे हैं, क्योंकि वे अभी भी व्यक्तिगत तौर पर खरीदारी में सहज महसूस नहीं करते हैं, और एक सकारात्मक ग्राहक अनुभव खरीदारी निर्णय और लॉयल्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 2021 में उपभोक्ता सुविधाजनक और आसान ग्राहक अनुभव चाहते हैं।
ऑनलाइन शापिंग का बढ़ता ट्रेंडमहामारी से खरीदारों और उपभोक्ताओं का ऑनलाइन की तरफ लगाव बढ़ा है और यह उभरता उस वक्त भी ट्रेंड बरकरार रहने की संभावना है, जब पारंपरिक स्टोर और दुकानें फिर से खुलने लगी हैं। आज ग्राहक सब कुछ ऑनलाइन पर खरीदना चाहता है, चाहे वह हैंड सैनिटाइजर से लेकर किराना सामान हो या स्किनकेयर से लेकर वेलनेस प्रोडक्ट हों।
महामारी की दूसरी लहर के साथ वास्तव में ऑनलाइन खरीदारी में तेजी आई है, क्योंकि अब विज्ञापन और डिलिवरी, विक्रेता की तरफ से ग्राहक अनुभव पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
उपभोक्ताओं द्वारा फिजीकल और वर्चुअल रिसोर्सेज के समावेश पर जोर दिया गया है और वे अब समेकित अनुभव में ज्यादा विश्वास करते हैं। डिजिटल टूल्स ने बुजुर्ग लोगों के लिए वर्चुअल दुनिया से जुड़ाव आसान बनाया दिया है, क्योंकि पारंपरिक संबंधित प्रतिबंध की स्थिति में इसका लाभ महसूस कर रहे हैं। इस तरह के प्रतिबंध ने हम सभी की जिंदगी प्रभावित की है। पहले जब खरीदारी काफी हद तक पारंपरिक आउटलेटों तक सीमित थी, वहीं अब ई-कॉमर्स ने हमें ज्यादा सुविधाजनक विकल्प प्रदान कर इसे आसान बना दिया है।
बाजारों में उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं में भी बदलाव का अनुभव किया गया है, क्योंकि उन्होंने अच्छे उत्पाद की खरीदारी रोक दी है और किराना तथा घरेलू एंटरटेनमेंट को छोड़कर खपत सीमित की है।
कोविड-19 महामारी की इस चुनौती के दौरान उपभोक्ता व्यवहार बदला है। इसके परिणामस्वरूप, व्यवसायियों के लिए प्रतिस्पर्धा में डटे रहने के लिए रणनीतियों में बदलाव और मौजूदा उपभोक्ता व्यवहार मॉडलों पर पुनः ध्यान देने की जरूरत पैदा की है।
उपभोक्ता व्यवहार में अब ‘न्यू नॉर्मल’ निम्नलिखित आयामों से संबद्ध हो सकता हैः
खपत, बचत और स्वास्थ्य जैसे कारकों से संबंधित उपभोक्ता व्यवहार को समझने में स्पिरिचुअल थिंकिंग
◆ उपभोक्ताओं में व्यवहार बदलावों को पूरा करने के लिए संसाधनों के एकत्रीकरण की दिशा में तेज गति◆ नए सतर्क उपभोक्ता बाजार को उपहार के तौर पर नए उत्पाद और सेवाएं तैयार करना
सभी ट्रेंड को ध्यान में रखकर संगठन और कंपनियां उपभोक्ताओं के लिए अपनी विपणन रणनीतियों को पुनः तैयार करने के लिए तैयार हैं। उनमें उपभोक्ताओं की त्वरित और आगामी जरूरतों को पूरा करने को लेकर जोश है, क्योंकि इन जरूरतों को इस कोविड-19 महामारी के दौरान नया रूप मिला है।
(यह लेख रुचिका भगत- मैनेजिंग हेड नीरज भगत एंड कंपनी द्वारा लिखा गया है)
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