भारत के लिए एशियन गेम्स में गोल्ड लाना चाहते है वुशु चैम्पियन पवन गुप्ता

वर्ष 2021 भारतीय खेलों के अब तक काफी बेहतरीन साबित हुआ है। भारत ओलिंपिक के 100 वर्षो के इतिहास में पहली बार ट्रैक एंड फील्ड में स्वर्ण पदक हासिल हुआ है। यूँ भी पिछले एक दशक में भारत ने खेलों के मामले उल्लेखनीय उन्नति की है। भारतीय खिलाडियों ने कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ एवं वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में अपना भारत का परचम लहराया है। इन्ही प्रतिभाशाली भारतीय खिलाडियों में एक नाम वुशु खिलाडी पवन गुप्ता का भी है। पवन 2012 की 8वें एशियन वुशु चैंपियनशिप और 2014 के राष्ट्रीय खेलों में वुशु प्रतियोगिता में पुरुषों की 70 किलोग्राम केटेगरी में कांस्य पदक हासिल कर चुके हैं एवं इस समय चीन में जुलाई 2022 में होने जा रहे एशियन गेम्स की तैयारी कर रहे है। ऐसा कहा जा रहा है की वे वर्त्तमान में बेहतरीन फॉर्म में है एवं उनसे देश के नाम पदक लाने की उम्मीद की जा रही है। वुशु खिलाडी पवन गुप्ता कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं में भारत के लिए पदक अर्जित कर चुके हैं जिनमे 2017 में सिंगापुर में आयोजित एशियन सांडा चैंपियनशिप में रजत पदक, अंतरराष्ट्रीय वुशु चैंपियनशिप 2017 में कांस्य पदक, 2018 में शंघाई कोऑपरेशन द्वारा चीन में आयोजित इंटरनेशनल वुशु सांडा टूर्नामेंट में कांस्य पदक और 2019 में जॉर्जिया में आयोजित बातुमी सांडा कप में सिल्वर मेडल शामिल हैं।

 वुशु मूलतः चीन का एक मIर्शिअल आर्ट फॉर्म है जो भारत में बहोत ज्यादा प्रचलित नहीं है, फिर भी कई एथलीट इस खेल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। वर्तमान में पूजा कादियान, प्रवीण कुमार, पूनम खत्री, संध्यारानी देवी, एम बिमोलजीत सिंह, नरेंद्र ग्रेवाल, वाई सनथोई देवी जैसे कई वुशु खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन कर देश के नाम कई गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज़ मेडल लाकर देश का मान बढ़ाया है। कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ में देश के लिए सिल्वर और ब्रॉन्ज़ लाने वाले पवन गुप्ता भी उन्ही एथलीटों की श्रेणी में आते हैं। वे काफी समय से इस खेल से जुड़े हुए हैं। यूपी के कुशीनगर ज़िले के सुल्तानपुर गाँव में , एक मध्यम वर्गीय परिवार में 12 जून 1993 को जन्मे पवन, भारतीय वायु सेना में जूनियर वारंट अफसर के पद पर कार्यरत हैं। उनका चयन 2014 में इंडियन एयर फाॅर्स में स्पोर्ट्स कोटा द्वारा हुआ था।

पवन गुप्ता के खिताब एवं उपलब्धियां● 8वें एशियन वुशु चैंपियनशिप 2012, वियतनाम: ब्रॉन्ज● ३५वाँ राष्ट्रीय खेल 2015 , केरला: ब्रॉन्ज● एशियन सांडा चैंपियनशिप 2017, सिंगापूर: सिल्वर● अंतरराष्ट्रीय वुशु चैंपियनशिप, 2017, अर्मेनिआ: ब्रॉन्ज● अंतर्राष्ट्रीय वुशु सैंडा टूर्नामेंट, 2018: ब्रॉन्ज● शंघाई कोऑपरेशन इंटरनेशनल वुशु सैंडा टूर्नामेंट, शंघाई, चीन, 2018: ब्रॉन्ज● बटुमी ओपन इंटरनेशनल टूर्नामेंट, 2019, जॉर्जिया: सिल्वर

गोल्ड लाना ही लक्ष्यहाल ही में दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया “मेरा सपना वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का है , इस समय मैं एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैम्पियशिप दोनों की तैयारी कर रहा हूँ। देश को गर्वान्वित करना हर खिलाडी का सपना होता है, मेरा भी है।” पवन हाल ही में भारतीय सेना में ही कार्यरत नीरज चोपड़ा की ओलिंपिक खेलों में मिली ऐतिहासिक जीत से बहुत प्रभावित हैं। वे कहते हैं ” सेना में हमे सबसे बड़ी सीख ही यही मिलती है की देश सर्वोपरि है। ” पवन ने वुशु में अपना नाम रौशन करके देश के युवाओं को इस खेल को अपनाने एवं सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं। वे अपने खेल में निखार लाने के साथ अन्य कई युवा खिलाडियों को इस खेल का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने भास्कर संवाददाता को बताया की वे भविष्य में इस खेल को आगे बढ़ाने एक उम्दा प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना करना चाहते हैं ,जहाँ पर कम उम्र से ही प्रतिभावान बच्चे एवं युवा खिलाडी अंत्तराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों की देख-रेख में अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे।फ़िलहाल वे दो बड़ी प्रतियोगितओं के लिए जी-जान लगा कर कड़ी मेहनत कर रहे हैं, ओलिंपिक खेलों में देश के खिलाडियों के प्रदर्शन ने उनका मनोबल काफी बढ़ाया है।
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