गांधी परिवार के साथ मीटिंग, क्या कांग्रेस जॉइन करेंगे प्रशांत किशोर?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जब मंगलवार को दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर पहुंचे तो देश की राजनीति में हलचल मच गई। बैठक में प्रियंका गांधी और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत मौजूद थे। इस मुलाकात को लेकर कहा ये गया कि मामला पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और CM कैप्टन अमरिंदर के बीच चल रहे झगड़े का है। पर अब सामने आ रहा है कि प्रशांत किशोर यानी PK कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस की प्लानिंग है कि PK नेशनल लेवल पर उसके लिए अहम रोल निभाएं।
PK के साथ मीटिंग में राहुल-प्रियंका ही नहीं, सोनिया भी मौजूद थींन्यूज पोर्टल एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में PK के कांग्रेस में जल्द शामिल होने की बात कही है। सूत्र के मुताबिक मुलाकात में राहुल और प्रियंका ही नहीं, बल्कि सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। ये मीटिंग पंजाब के झगड़े या उत्तर प्रदेश और पंजाब में अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर नहीं, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर थी।
सूत्र ने बताया कि कांग्रेस ने इस मीटिंग में कुछ बड़ा प्लान किया है। पार्टी लोकसभा चुनावों में प्रशांत किशोर का बड़ा रोल चाहती है ताकि वह निर्णायक लड़ाई के लिए कांग्रेस को तैयार कर सकें।
PK बोले- जो कर रहा हूं, अब वो नहीं करना चाहताइस मुलाकात को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी वो जो कर रहे हैं, आगे नहीं करना चाहते हैं। वो ये जगह छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वो अपने जीवन में एक ब्रेक लेना चाहते हैं और कुछ अलग करना चाहते हैं।
फिर ‘UP के लड़के’ के पास PK, क्या है गेम प्लान?
2017 के विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ इलेक्शन में उतरने का फैसला किया तो प्रशांत किशोर ही पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट थे। उन्होंने ही नारा दिया था- ‘UP के लड़के’ और “UP को ये साथ पसंद है।’ हालांकि, ये गठबंधन चुनाव नहीं जीत पाया था। बाद में सामने आया कि प्रशांत चाहते थे कि इन चुनावों में चेहरा प्रियंका हों और ऐसा नहीं हुआ।2021 में प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल की जीत के लिए योजना बनाई। दावा किया कि भाजपा अगर 100 के आंकड़े के पार गई तो वो चुनावी रणनीति बनाने का काम छोड़ देंगे। भाजपा 100 के भीतर सिमटी और प्रशांत का दावा कायम रहा।अब प्रशांत किशोर अमरिंदर के मुख्य सलाहकार हैं और वो भी महज एक रुपए की सैलरी पर। अगले साल पंजाब के चुनाव भी हैं। ऐसे में पंजाब में उनकी मौजूदगी कांग्रेस के लिए बड़ी राहत की बात है, पर चुनाव से ऐन पहले सिद्धू और अमरिंदर का टकराव मुश्किल खड़ी कर सकता है। ऐसे में इसे तुरंत सुलझाया जाना जरूरी है और इसके लिए प्रशांत किशोर से बेहतर कोई नहीं।प्रियंका गांधी भी यूपी चुनावों को लेकर एक्टिव हो चुकी हैं। उन्होंने सोमवार को ही यूपी के कांग्रेस नेताओं के साथ एक अहम बैठक की है। इस बीच गांधी परिवार से मुलाकात से एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं कि यूपी चुनाव में प्रशांत किशोर का रोल बड़ा हो सकता है और यह भी संभव है कि इसे ध्यान में रखते हुए ही कांग्रेस अपना गेम प्लान तैयार कर रही हो।
PK ने कहा था- विपक्षी मोर्चे को खड़ा करने में मेरा कोई रोल नहीं
जून में देश का सियासी माहौल तब बहुत तेजी से गरमाया, जब प्रशांत किशोर NCP के प्रमुख शरद पवार से 11 और 21 जून को दो बार मुलाकात करने पहुंचे। तब यह कयास लगने शुरू हुए कि पवार के साथ मिलकर ममता बनर्जी कोई बड़ा खेल करने वाली हैं। वो यूपीए के पैरलल कोई बड़ा मोर्चा खड़ा करना चाहती हैं।हालांकि तब खुद प्रशांत किशोर और शरद पवार ने इन अटकलों से किनारा कर लिया था। दोनों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बिना थर्ड फ्रंट का कोई अस्तित्व नहीं है। इसके बाद 22 जून को राष्ट्रमंच की बैठक हुई, जिसकी अगुआई तृणमूल के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने की थी।राष्ट्रमंच की बैठक में शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, सीपीआई के डी राजा, राइटर जावेद अख्तर भी शामिल हुए थे। बहुजन समाज पार्टी, शिवसेना और कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।बैठक के बाद तीसरे मोर्चे के सवाल पर प्रशांत किशोर ने साफ कह दिया था कि ऐसा कोई तीसरा या चौथा मोर्चा मोदी को टक्कर नहीं दे सकता है। उन्होंने तब कहा था कि 2024 के इलेक्शन के लिए विपक्षी मोर्चे को खड़ा करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
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