लखीमपुर खीरी कांड : 12 घंटे की पूछताछ और इन सवालों के चक्रव्यूह में फंसता गया मोनू

नई दिल्ली (ईएमएस)। लखीमपुर खीरी कांड में नामजद अभियुक्त केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा को आखिरकार 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद शनिवार रात 10:50 बजे गिरफ्तार कर ही लिया गया। सरकार द्वारा बनाई गई विशेष पर्यवेक्षण समिति के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के कार्यालय के बाहर आकर गिरफ्तारी की पुष्टि की। इससे पहले शनिवार की सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू क्राइम ब्रांच के कार्यालय के सामने अचानक हाजिर हो गए, जबकि उनके समर्थक उनके पिता के संसदीय कार्यालय के नीचे मौजूद थे। दरअसल, आशीष मिश्रा के साथ लखीमपुर सदर विधायक योगेश वर्मा, अजय मिश्रा टेनी के प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय और जितेंद्र सिंह जीतू आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को लेकर पुलिस लाइन के दफ्तर में आए। सदर विधायक और अरविंद सिंह संजय आगे चल रहे थे और मोनू उनके पीछे-पीछे लंबे-लंबे कदमों से क्राइम ब्रांच के दफ्तर की ओर बढ़ते चले आ रहे थे।

क्राइम ब्रांच ऑफिस के बाहर खड़ी मीडिया ने मोनू को देखा तो उनकी और प्रतिक्रिया लेने के लिए दौड़ी। इससे पहले कि मोनू कुछ कह पाते पुलिस के दो सिपाही उनको लेकर क्राइम ब्रांच के दफ्तर की ओर लेकर बढ़ चले। जबरदस्त धक्का-मुक्की के बीच अरविंद सिंह और आशीष मिश्रा मोनू क्राइम ब्रांच के दफ्तर के भीतर घुस गए। बाद में एक बैग देकर अरविंद सिंह संजय बाहर आ गए। डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल पहले से ही ऑफिस में मौजूद थे। तिकुनिया कांड के मुकदमे में दर्ज मुकदमे में मुख्य आरोपी बनाए गए आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को पुलिस के कई सिलसिलेवार सवालों के जवाब देने पड़ गए। सूत्रों ने बताया कि पुलिस की जांच टीम का सबसे प्रमुख सवाल यही था 3 अक्तूबर रविवार को दोपहर 2:36 बजे से लेकर 3:30 बजे तक कहां थे? यह वही वक्त था जब तिकुनिया इलाके में यह कांड हुआ, जिसमें आठ लोगों की जान चली गयी, जबकि नौ लोग जख्मी हुए। पुलिस ने हर एंगल से पूछताछ की, जिसको लेकर तमाम सवाल और आशंका सामने आ रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, कमरे में दाखिल होते ही आशीष मिश्रा को जांच टीम ने रविवार की रात 2:53 पर दर्ज कराए गए मुकदमे का ब्यौरा बताया।

साथ ही उन पर लगाए गए आरोपों की जानकारी आशीष मिश्रा को दी गई। इसके बाद कागज पर लिखे हुए सवालों के बिंदु उसके सामने पुलिस ने रखने शुरू किए। जांच टीम ने सवाल किया कि जब यह दुर्घटना हुई तब आप कहां थे? अपने जवाब में आशीष मिश्रा ने खुद को घटनास्थल पर मौजूद ना होने की बात कही। उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से यह बताया कि कैसे दंगल प्रतियोगिता का आयोजन उनके गांव में हो रहा था। सूत्र बताते हैं कि आशीष हर सवाल के जवाब में सिर्फ इतना ही साबित करने में लगा रहा कि घटना वाली जगह पर वह मौजूद ही नहीं था। पुलिस जांच टीम ने उनसे उसकी कार थार के बारे में सवाल भी किए। आशीष मिश्रा ने उसमें भी यह साबित करने की कोशिश की कि वह अपनी कार में मौजूद नहीं थे। उन्होंने कुछ लोगों के बारे में बताया, जो कारों के काफिले के साथ उनके गांव से निकले थे।

कहा कि ये लोग उपमुख्यमंत्री की अगवानी करने जा रहे थे तभी यह घटना हो गई। सूत्र बताते हैं कि आशीष मिश्रा ने कुछ वीडियो दिखाकर यह साबित करने की कोशिश कि वायरल हो रहे वीडियो और उनके पास मौजूद वीडियो में किस तरह का फर्क है। आशीष एक सवाल का जवाब देकर खामोश होता कि जांच टीम उनसे दूसरा सवाल दाग देती। इस सिलसिले में कई घंटे गुजर गए। डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल और पीएसी सेनानायक सुनील सिंह के अलावा बाकी अधिकारी गेट के अंदर बाहर आते जाते रहे, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी गेट से बाहर नहीं निकले।
The post लखीमपुर खीरी कांड : 12 घंटे की पूछताछ और इन सवालों के चक्रव्यूह में फंसता गया मोनू appeared first on Dainik Bhaskar | Uttar Pradesh News, UP Dainikbhaskar.

Related Articles

Back to top button