सीबीएसई बोर्ड 2021: 10वीं-12वीं के रिजल्ट की अंक गणना के लिए स्कूलों को जारी किए निर्देश, अपना रिजल्ट भी जानें

फाइल

CBSE ने 12वीं का रिजल्ट तैयार करने के लिए 30:30:40 का फॉर्मूला तय किया है। इसके मुताबिक, किसी भी स्टूडेंट को 10वीं के फाइनल एग्जाम में मिले कुल मार्क्स के 30%, 11वीं के फाइनल एग्जाम में मिले कुल मार्क्स के 30% और 12वीं के यूनिट टेस्ट, मिड टर्म और प्री बोर्ड एग्जाम के कुल मार्क्स के 40% को जोड़ा जाएगा। इन्हें जोड़कर जो टोटल आएगा, उससे 12वीं के थ्योरी में मिलने वाले टोटल मार्क्स को कैलकुलेट किया जाएगा।

आप रिजल्ट को कैलकुलेट करते समय ध्यान रखें कि 30:30:40 फॉर्मूले के मुताबिक 10वीं, 11वीं और 12वीं के जिन मार्क्स को जोड़ा जा रहा है, उससे केवल थ्योरी का स्कोर ही पता चलेगा। इसे टोटल स्कोर न मानें, क्योंकि इस साल 12वीं के प्रैक्टिकल एग्जाम के मार्क्स स्कूलों की तरफ से पहले ही CBSE को भेजे जा चुके हैं।

10वीं के मार्क्स कैसे जुड़ेंगे10वीं में स्टूडेंट्स आमतौर पर 5 या कभी-कभी 6 सब्जेक्ट्स की पढ़ाई करते हैं। इनमें से 3 टॉप स्कोर वाले सब्जेक्ट के मार्क्स जोड़े जाएंगे।

11वीं के मार्क्स कैसे जुड़ेंगे11वीं के एग्जाम में सभी विषयों में स्कोर किए गए कुल मार्क्स को शामिल किया जाएगा। यानी, इसमें 10वीं की तरह केवल 3 सब्जेक्ट्स को नहीं चुनना है।

12वीं के मार्क्स कैसे जुड़ेंगे12वीं में सब्जेक्ट वाइज यूनिट टेस्ट के मार्क्स, मिड टर्म एग्जाम के मार्क्स और प्री-बोर्ड एग्जाम के मार्क्स जोड़कर स्कोर कैलकुलेट किया जाएगा।

नोट – CBSE ने सब्जेक्ट वाइज रिजल्ट को लेकर साफ तौर पर कुछ नहीं कहा है। इसलिए, हम केवल ओवरऑल रिजल्ट मार्क्स और परसेंटेज दिखा रहे हैं।

अब इस फॉर्मूले के आधार पर स्टूडेंट्स अपने रिजल्ट का कैलकुलेशन कर सकते हैं। इसके लिए नीचे दी गई कैलकुलेशन टेबल की मदद ली जा सकती है:

सवाल-जवाब से समझिए रिजल्ट की हर बारीकी –

सवाल: अगर 3 एग्जाम हुए हों – यूनिट एक्जाम, मिड टर्म और प्री-बोर्ड की स्थिति में मार्क्स कैसे कैलकुलेट होंगे?

जवाब: यह स्कूल पर डिपेंड करेगा कि वे कौन से रिजल्ट CBSE को सब्मिट करते हैं।

सवाल: सब्जेक्ट वाइज मार्क्स को कैसे कैलकुलेट करेंगे?

जवाब: इस पर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है।

सवाल: जब थ्योरी के नंबर ही 500 में से काउंट किए जा रहे हैं, तो प्रैक्टिकल के साथ फाइनल स्कोर कैसे पता करेंगे?

जवाब: यह कैलकुलेशन केवल थ्योरी एग्जाम के लिए है। प्रैक्टिकल मार्क्स फाइनल मार्कशीट में जुड़ेंगे। प्रैक्टिकल के मार्क्स स्कूल पहले ही CBSE को भेज चुके हैं।

क्यों बनाया गया 30:30:40 फॉर्मूला?कोरोना के चलते CBSE की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कैंसिल कर दी गई थीं। 12वीं के एग्जाम पर फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम बैठक के बाद लिया गया था। इस फैसले के बाद इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) के 12वीं के एग्जाम भी रद्द कर दिए गए थे।

प्रधानमंत्री ने मीटिंग के दौरान कहा था कि स्टूडेंट्स की सुरक्षा ही प्राथमिकता है। ऐसे माहौल में उन्हें परीक्षा का तनाव देना ठीक नहीं है। उनकी जान खतरे में नहीं डाल सकते। उन्होंने कहा कि 12वीं का रिजल्ट तय समयसीमा के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा। इसके बाद, 4 जून को CBSE ने 12वीं के स्टूडेंट्स की मार्किंग स्कीम तय करने के लिए एक 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। इस समिति को 10 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे।

31 जुलाई तक जारी हो सकता है रिजल्टसेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 17 जून को 12वीं का रिजल्ट तैयार करने के लिए तय किए फॉर्मूले पर सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। बोर्ड के मुताबिक, तय किए गए क्राइटेरिया यानी 30:30:40 फॉर्मूला के आधार पर जारी रिजल्ट से असंतुष्ट स्टूडेंट्स अगर परीक्षा देना चाहते हैं, तो उनके लिए बाद में अलग से व्यवस्था की जाएगी। बोर्ड ने यह भी कहा है कि अगर सब कुछ सही रहा, तो 31 जुलाई तक रिजल्ट जारी कर दिए जाएंगे।
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