कोविड टीकाकरण : अभी कम नहीं हैं चुनौतियां

नयी दिल्ली।  देश ने भले की एक अरब कोविड टीके लगाने की उपलब्धि हासिल कर ली है लेकिन अभी इससे आगे की राह कोई कम कठिन नहीं है। टीकों की उपलब्धता और उत्पादन क्षमता अब कोई समस्या नहीं है, पर अभी बड़ी आबादी को टीके की दूसरी खुराक लगनी बाकी है, साथ ही बच्चों के लिए वैक्सीन की मंजूरी और उनका टीकाकरण होना बाकी है। देश में अभी 18 वर्ष से कम आयुु के बच्चों और किशोरों को कोविड दिया जाना है और भारतीय काेविड टीका ‘कोवैक्सिन’ की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने इसके लिए टीका विकसित कर मंजूरी के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक को सौंप दिया है।

एक अनुमान के अनुसार देश में 18 वर्ष से कम आयु की आबादी लगभग 44 करोड़ है। अठारह वर्ष से अधिक की आयु के व्यक्तियों के लिए भी हालांकि ‘कोवैक्सिन’ को अभी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मंजूरी नहीं दी है। डब्ल्यूटीओ ने कहा कि मंजूरी देने की प्रक्रिया में समय लगता है और इसमें ढील नहीं दी जा सकती है। देश के दूर दराज के इलाकों में कोविड टीका पहुंचाना एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है। खासकर पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों दुर्गम क्षेत्रों में कोविड टीका और स्वास्थ्यकर्मियों का पहुंचना मुश्किल हो रहा है। कोविड टीके को हालांकि टीकाकरण केंद्र तक पहुंचाने के लिए ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है। समाज में कोविड टीके के बारे में गलतफहमी, अफवाह और अंधविश्वास भी एक बड़ी बाधा हैं। देश की आदिवासी आबादी में टीके को लेकर अंधविश्वास है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्यों में काेविड टीके के बारे में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए सामुदायिक नेताओं की मदद ली जा रही है। सरकार ने भी इन इलाकों में विशेष अभियान चलाया है। गर्भवती महिलाओं, बीमार लोगों और दिव्यांगों में भी कोविड टीके को लेकर झिझक है। डाक्टरों का हालांकि कहना है कि चिकित्सकों की सलाह और निगरानी में कोविड टीका लिया जाना चाहिए। समाज का एक तबका कोविड टीकों को प्रजनन क्षमता प्रभावित होने से भी जोड़ रहा है। इससे निपटना सरकार के लिए कड़ी चुनौती होगी। भारतीय टीकों ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सिन’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ‘कोविशील्ड’ को हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपात टीके की सूची में शामिल किया है लेकिन कुछ देश भारत में निर्मित टीकों को मान्यता देने में आनाकानी कर रहे हैं। इसके लिए सरकार ने ‘जैसे को तैसा’ की नीति अपनायी है। सरकार अलग-अलग देशों के साथ भारतीय टीकों को मान्यता देने के लिए समझौता कर रही है।

टीकाकरण बढ़ने भारत सहित पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई है लेकिन न्यूजीलैंड,रूस, चीन, ब्राजील समेत कई प्रमुख देशों में टीकाकरण के विस्तार के बावजूद कोविड संक्रमण फिर बढ़ा है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विश्वास व्यक्त किया है कि देश के सभी नागरिकों का टीकाकरण सुनिश्चित होगा। उन्होंने टि्वटर पर कहा कि जिस गति से यह अभियान आगे बढ़ रहा है, उससे स्पष्ट है कि जल्द ही सभी देशवासियों का टीकाकरण हो जाना सुनिश्चित होगा।
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