गोरखपुर पुलिस का कारनामा, मृतक को ही बना दिया गैंगस्टर

गोरखपुर। थानों की पुलिस भी ऐसे-ऐसे काम कर देती है की प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाता है साथ ही अधिकारियों की भी भद्द पिट जाती है। गोरखपुर पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है। यहां पुलिस जिंदा लुटेरों पर कार्रवाई नहीं कर सकी तो उसने मृतक लुटेरे को गैंगस्टर बना डाला। मामला गोला थाने से जुड़ा है। पुलिस ने जिलाधिकारी से उसके खिलाफ गैंगस्टर का अनुमोदन करा लिया। जब पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की तब पता चला कि उसकी डेढ़ साल पहले ही हत्या हो चुकी है। यह जानकर अब पुलिसवालों के पैरों तले जमीन खिसक गई।

वहीं, मामला सामने आने के बाद पहले तो पुलिस ने बदनामी से बचने के लिए अब इस पूरे मामले को पुलिसवालों ने ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन मामला उजागर होने के बाद एसएसपी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।थाने में बैठे कर ही तैयार कर दी गई रिपोर्ट।इसकी कापी सीओ, एडिशनल एसपी से होते हुए एसएसपी तक जाती है और वहां से डीएम के यहां भेजी जाती है। पुलिस की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद डीएम जब गैंगस्टर का अनुमोदन करते हैं तब इस मामले में थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है और आरोपित को पकड़ कर जेल भेजा जाता है। गोला पुलिस ने यह सारी कार्रवाई की तो कि लेकिन जांच कर नहीं बल्कि थाने में बैठे ही उसने अपनी पूरी रिपोर्ट उस व्यक्ति के खिलाफ तैयार कर दी जिसकी नवम्बर 2019 में हत्या हो चुकी थी।मई 2021 में गोला थाने के तत्कालीन थानेदार संतोष सिंह ने अपने इलाके के लुटेरों पर गैंगस्टर लगाने की तैयारी की। जिसके तहत 2016 में लूट के मामले में जेल जा चुके राजेश यादव, मनीष यादव और राहुल यादव का नाम उनके जेहन में आया।

बिना जांच पड़ताल किए ही उन्होंने गैंगस्टर के लिए इन तीनों के खिलाफ मई 2021 के अन्तिम सप्ताह में एसएसपी के यहां रिपोर्ट भेज दी। वहां से फाइल डीएम के यहां भेजी गई और फिर गैंगस्टर की अनुमति मिलने के बाद पांच जुलाई को तीनों खिलाफ गैंगस्टर के तहत गोला थाने में केस दर्ज किया गया। वर्तमान में तीसरे इंस्पेक्टर इसकी विवेचना कर रहे हैं।पुलिस ने तीन आरोपियों में से एक उरूवा थाना क्षेत्र के प्रतापीपुर निवासी मनीष यादव को 24 जुलाई को दबोच लिया और इसी के साथ उसके दो अन्य साथियों के फरार होने की जानकारी दी। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में मनीष यादव को गैंग का लीडर बताया था। वहीं फरार लोगों में उरूवा थाना के चौरा गांव निवासी राहुल पुत्र रामतीर्थ व बड़हलगंज थाना क्षेत्र के फड़साड़ गांव निवासी राजेश यादव पुत्र रामनाथ जिसकी 2019 में ही हत्या हो चुकी है वह भी शामिल था।पिछले सप्ताह जब पुलिस टीम राजेश यादव की तलाश में उसके घर दबिश देने पहुंची तो राजेश के भाई अवधेश यादव ने बताया कि उसके भाई की दो साल पहले हत्या की जा चुकी है।

यह सुनकर पुलिसवाले सन्न रह गए। राजेश यादव का मृत प्रमाणपत्र, पीएम रिपोर्ट और फोटो लेकर लौट आए।बड़हलगंज थानाक्षेत्र के फड़सा गांव निवासी राजेश यादव की 26 नवम्बर 2019 की रात में दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। देवरिया जिले के बनकटा थाना क्षेत्र स्थित ताली मठिया में वह देशी शराब की दुकान के मुनीम की नौकरी करता था। शराब की दुकान पर ही बदमाशों ने उसकी हत्या की थी।
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