एटा के नूहखेड़ा में डेंगू और मलेरिया से फिर हुई दो बच्चों की मौत

एटा/जलेसर । विकास क्षेत्र अवागढ़ के गांव नूहखेड़ा में 48 घंटे की अवधि में डेंगू तथा मलेरिया से दो बच्चे काल का ग्रास हो गए। बीते छह दिनों में यह तीसरे बच्चे की मौत हुई है। तहसील जलेसर के ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम खेड़ानूह में गुरुवार को करीब 4 वर्षीय हर्ष पुत्र मुकेश कुमार की डेंगू बुखार से मौत हो गई। हर्ष को बीते छह दिन से बुखार आ रहा था। जांच कराने पर जांच रिपोर्ट में डेंगू होने की बात कही गई थी। मृतक का उपचार जलेसर के पास स्थित एक गांव में चल रहा था। गुरुवार को हर्ष की हालत अत्यधिक गंभीर हो गई। हालत गंभीर होने पर चिकित्सक की सलाह पर परिजन हर्ष को उपचार के लिए आगरा ले जा रहे थे। तभी रास्ते में ही हर्ष की मौत हो गई। हर्ष की मौत का मातम परिजनो सहित समूचे गांव में था। इसी दरम्यान शुक्रवार की रात को गांव खेड़ा नूह के ही धर्मेंद्र पुत्र राजबहादुर के 2 माह के पुत्र राजकुमार की भी मलेरिया के चलते मौत हो गई। 

मृतक के पिता धर्मेंद्र ने बताया कि उसका बेटा दो माह पूर्व फिरोजाबाद के घिरोर थाना क्षेत्र के कनकपुर गांव स्थित अपनी ननिहाल में पैदा हुआ था। बीते 5 दिन पूर्व उसको अचानक बुखार आ गया था । जिसे तत्काल उपचार के लिए फिरोजाबाद भर्ती कराया गया। लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार न होने पर राजकुमार को तत्काल सैफई स्थित मेडिकल के लिए रेफर कर दिया गया था। मगर लगातार दो दिन उपचार होने के बावजूद मृतक को सैफई में भी कोई लाभ नहीं हुआ। जब राजकुमार की स्थिति और ज्यादा बिगड़ने लगी तो चिकित्सकों ने उसे आगरा के लिए रेफर कर दिया। जहां दो दिन के उपचार के बाद शुक्रवार की रात में राजकुमार की मृत्यु हो गई। दो दिन में लगातार दो बच्चों की मौत हो जाने से गांव खेड़ा नूह के वाशिंदे भय ग्रस्त हो गए है। विदित हो कि गत रविवार को नूहखेडा में डेंगू के चलते हुई एक 10 वर्षीय बच्ची आराध्या की भी मौत हो गई थी। बीते छह दिन में डेंगू से दो तथा मलेरिया से एक बच्चे की हुई मौत के स्थानीय बाशिंदो में डेंगू, मलेरिया तथा वायरल फीवर आदि रोगों के क्षेत्र में बढ़ने को लेकर आशंका बनी हुई है। गांव के ठाकुर श्यामवीर सिंह, कृष्ण गोपाल शर्मा, ग्राम प्रधान मोनी सिंह, शक्ति प्रताप सिंह, सुरेंद्र शर्मा, डॉक्टर वीरपाल सिंह दिवाकर आदि ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन से गांव में मरीजों की जांच करा कर दवा दिल बाए जाने की मांग की है। वही पीड़ित परिवारों और और ग्रामीणों ने बताया कि रविवार तक गांव खेड़ा नूह में कोई भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची है जिससे मरीजों की जांच और दवा की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है।

स्वास्थ्य एवम चिकित्सा के क्षेत्र में नूहखेड़ा बना हुआ है बदहाल

दशकों पुरानी मांग के बाद भी नहीं बना है सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र

जलेसर तहसील क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक क्षेत्र मुख्यालय नौहखास स्वास्थ्य चिकित्सा के क्षेत्र में पूरी तरह से बदहाल है। इस कस्बे से 15 किलोमीटर की दायरे में कोई भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों को कोई भी सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पाता है। हर छोटी बड़ी बीमारी के उपचार के लिए ग्रामीणों को प्राइवेट झोलाछाप चिकित्सकों का ही सहारा लेना पड़ता है। जब कोई बीमारी गंभीर रूप ले लेती है तो उस स्थिति में ग्रामीण मरीजों को आगरा अथवा अलीगढ़ ले जाते हैं। यही वजह है कि सर्दी का मौसम हो या गर्मी का अथवा बरसात का मौसम में फैलने वाले संक्रामक रोगों का शिकार हर वर्ष क्षेत्र के लोगों को होना पड़ रहा है। हर बार अनेक लोग तथा बच्चे असमय ही काल कबलित हो जाते हैं। लोगो को अधिक खर्चा भी उठाना पड़ता है। क्षेत्रीय लोगों द्वारा कई बार क्षेत्रीय सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल तथा क्षेत्रीय विधायक से नुहखेड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की मांग की गई । बताया गया है कि क्षेत्रीय विधायक संजीव दिवाकर द्वारा जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री अतुल गर्ग के समक्ष भी यह मुद्दा जनपद मुख्यालय पर आयोजित बैठक के दौरान उठाया जा चुका है। 

लेकिन आज तक प्रदेश के स्वास्थ मंत्री तथा जिला प्रशासन द्वारा इस समस्या को लेकर कोई पहल नहीं की गई है। जब कि वर्तमान सरकार में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अतुल गर्ग जनपद के प्रभारी मंत्री भी है। ग्रामीणों के अनुसार नूहखेड़ा से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जलेसर, अवागढ़ तथा निधौली कला की दूरिया करीब 15 किलोमीटर के दायरे के बाहर पडती है । जिससे गांव के लोगों को झोलाछाप प्राइवेट चिकित्सकों के पास ही उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है ।नजदीक मे कोई भी सीएचसी न होने से क्षेत्र में बीमारियों की अधिकता रहती है। चारों ओर पानी भरा रहने से मलेरिया, वायरल फीवर, डेंगू आदि संक्रामक रोगों का यहां हर साल फैलना स्वाभाविक हो गया है।
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