डीएनए मिलान ही करना है तो जनसंख्या नियंत्रण की चिल्लाहट क्यों: सुशील पंडित

बीटीएसएस के वेबिनार में भागवत पर किया सीधा प्रहार

बोले विभाजन का सच सामने ना लाए तो और अभी विभाजन होंगे

 14 अगस्त। राष्ट्रवादी चिंतक सुशील पंडित ने कहा है कि देश के अंदर की स्थिति जेहादी हो चली है और कुछ लोग अभी भी डीएनए मिलान करने में लगे हैं और यदि डीएनए ही मिलान करना है तो जनसंख्या नियंत्रण की चिल्लाहट क्यों है। उन्होंने कहा कि देश बचाना है तो विभाजन का सच बताना होगा।

 भारत-तिब्बत समन्वय संघ के आज अखंड भारत संकल्प दिवस पर आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता श्री पंडित बोल रहे थे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि विभाजन को लेकर इस देश में एक नैरेटिव सेट किया गया। कांग्रेस इसका दोष अंग्रेजों पर मढ़ती रही और विपक्ष ने इसका दोष कांग्रेस पर मढ़ा, लेकिन जिन्ना, मुस्लिम लीग व मुस्लिम पृथकतावाद को किसी ने दोष नहीं दिया, जबकि असली दोषी यही थे। उन्होंने कहा कि जिन्ना की चेतावनी के बाद ही इस देश का विभाजन हुआ। बंगाल में सुहरावर्दी ने उसका साथ इसलिए दिया क्योंकि इस्लाम के नाम पर सब एक थे। दंगों को डायरेक्ट एक्शन नाम देकर लाखों निर्दोष हिंदुओं का कत्लेआम हुआ और वह लोग डर के गायब हो गए जो कहा करते थे कि विभाजन उनकी लाश पर होगा। श्री पंडित ने कहा कि 14 अगस्त तो त्रासदी का दिन है। सन 1940 के बाद देश में आजादी की लड़ाई लड़ी ही नहीं गई बल्कि सन 42 के भारत छोड़ो आंदोलन की असफलता के बाद देश विभाजन को कराने या उसको रोकने की लड़ाई चलती रही। एक सवाल के जवाब में श्री पंडित ने कहा कि सच है कि जम्मू कश्मीर से 370 हटा कर मोदी सरकार ने अपने सारे पाप धो डाले लेकिन उसके बाद क्या हुआ, यह भी एक सवाल है।

 उन्होंने कहा कि आज भी जो देश में अब चल रहा है वह किसी भयानक भविष्य की आशंका से कम नहीं है। अब जिहादी तत्वों से डरकर लोग दिल्ली तक से पलायन कर रहे हैं इसके लिए कौन  जगेगा और कब जगेगा। उन्होंने कहा कि इतिहास से बहुत सी बातें ऐसे गायब की गई ताकि देश का एक तबका नाराज ना हो जाए, लेकिन सच ना बताना हिंदू और इस देश के लिए अभी और महंगा पड़ेगा। खतरा देश के अंदर से अब ज्यादा है।

 वेबिनार का विषय प्रवर्तन करते हुए संघ के केंद्रीय संयोजक हेमेंद्र तोमर ने कहा कि गांधार में कभी गांधारी और राजा दाहिर हमारे अखंड भारत के द्योतक थे लेकिन आज  हम अफगानिस्तान में तालिबानियों का राज देखते हुए एक और बड़े खतरे की आशंका में है। उन्होंने कहा कि गांधार से लेकर तिब्बत व इंडोनेशिया तक में अखंड भारत की संकल्पना हमारी अपनी भौगोलिक नहीं, सांस्कृतिक संबंधों के आधार पर है और इस अखंड भारत के निर्माण में हम स्वयं के योगदान को हर रोज चिंतन, कर्म, व्यवहार व वाणी सब में लाएं, तभी भारत सुदृढ़ हो सकेगा। संघ के राष्ट्रीय महामंत्री विजय मान ने वेबिनार का संचालन करते हुए कहा कि राष्ट्र का चिंतन और उसके लिए किए जाने वाले कार्य से ही इस अखंड भारत को पुनः बना सकते हैं। भारत तो मां है और मां को कटता देखना कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं भला। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजित अग्रवालl के निर्देशन में बने “फिर अखंड भारत बन जाए” संगीतमय गीत की शानदार प्रस्तुति वेबिनार में हुई, जबकि समापन के समय प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेई के विभाजन और अखंड भारत पुनर्निर्माण संकल्प को लेकर कविता का प्रस्तुतीकरण भी हुआ। वेबिनार में 203 लोग गूगल मीट से जुड़े।
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