आगरा के एक परिवार की दर्द भरी दास्तां: 2 साल 27 दिन से कोमा में महिला, बेटी पैदा होने पर छिनी खुशियां
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आगरा में एक महिला का बेटी को जन्म देना परिवार को इतना नागवार गुजरा कि उसे जीने लायक नहीं छोड़ा। महिला 2 साल 27 दिन से बिस्तर पर जीवन काट रही है। उसके मायके वालाें का आरोप है कि बेटी पैदा होने पर ससुराल वालों ने प्रताड़ित किया। इससे वो बीमार होकर कोमा में चली गई। तब से आज तक वो मायके में बिस्तर पर है। वह अपनी बेटी को भी पहचान नहीं पाती है। परिवार वालों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है।
लड़का पैदा करने का था दबाव
पीड़िता के पिता के अनुसार उस पर शादी के बाद से ही ससुराल वालों ने बेटा पैदा करने का दबाव डालना शुरू कर दिया था। उसने बेटी को जन्म दिया तो ससुराल वालों ने इतना ज्यादा प्रताड़ित करना शुरू कर दिया कि वो मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो गई और बाद में कोमा में चली गई।
दरअसल, ताजगंज थाना क्षेत्र के आगरा शमशाबाद रोड के गांव रजरई के रहने वाले त्रिलोकी नाथ वर्मा ने 4 साल पहले अपनी बेटी गौरी वंदना का विवाह शाहगंज थाना क्षेत्र के नरीपुरा के रहने वाले त्रिवेंद्र कुमार से किया था। त्रिवेंद्र इस समय गाजियाबाद में रेलवे विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात है।
पढ़ाई में अव्वल और एमएससी की टॉपर गौरी वंदना का जीवन शादी के बाद दयनीय हो गया। गौरी के परिवार के लोग कहते हैं कि शादी के बाद से ही ससुराल के लोगों ने गौरी को बेटा पैदा करने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। गौरी वंदना पर लड़का पैदा करने का जो दबाव बनाया जा रहा था, उससे वह मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हो चुकी थी। 2 साल पहले गौरी ने जब आगरा के लेडी लायल अस्पताल में बेटी को जन्म दिया तो उसे इतने ताने सुनाए गए कि उसी दिन से वो कोमा में चली गई।
अपनी मां को नहीं पहचानती बेटी
पीड़िता के पिता के मुताबिक 2 साल 27 महीने से कोमा में रहने वाली उनकी बेटी ने आज तक अपनी बेटी की शक्ल तक नहीं देखी और उसकी बेटी भी आज तक अपनी मां को नहीं पहचानती है। ससुरालीजनों ने आज तक मां को बेटी से दूर रखा है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार ,मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
विवाहिता गौरी वंदना 2 साल 27 दिन से कोमा में है। ससुराल के लोगों ने आज तक कोई हालचाल नहीं लिया। गौरी के पिता त्रिलोकी नाथ वर्मा नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। गौरी के अलावा उनकी तीन और बेटियां भी हैं। इस परिवार में कोई बेटा नहीं है। त्रिलोकी नाथ की जो भी पेंशन आती है उसी से घर का खर्च और गौरी का इलाज हो रहा है। अब परिवार के सामने आर्थिक तंगी की समस्या खड़ी हो गई है। पिता ने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
ससुराल वाले झूठे मुकदमे में फंसाने की दे रहे धमकी
पिता का आरोप है कि ससुराल के लोग कोई मदद नहीं कर रहे हैं। परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और न्याय की गुहार लगा रहा है। कई बार अधिकारियों के चक्कर लगाए पर न्याय नहीं मिला। उल्टा ससुराल के लोगों ने झूठे मुकदमें दर्ज करवाकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। मामले में एसएसपी मुनिराज ने जानकारी कर मदद किए जाने की बात कही है।
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