मां को संक्रमण से बचाने के लिए 12 साल के आयुष और रेशमा ने बनाया स्मार्ट डस्टबीन, जाने कैसे करता है काम
वाराणसी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सफाईकर्मी महिला को जब उनके बच्चों ने यूज्ड मास्क उठाते और डस्टबिन में डालते देखा तो उनके मन में मां के कोरोना संक्रमित होने की संभावना का डर बैठ गया। इसके बाद उन्होंने एक ऐसे स्मार्ट डस्टबिन का आविष्कार कर डाला जो अब न सिर्फ उनकी मां को बल्कि कई अन्य सफाईकर्मियों को भी मास्क के डिस्पोजल के दौरान कोरोना के संक्रमण से बचने में मदद करेगा। अपनी मां को संक्रमण से बचाने के लिए 12 साल के आयुष और रेशमा ने यह स्मार्ट डस्टबीन बनाया है।कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क सबसे सुरक्षित और कारगर उपाय है। हालांकि, इसके साथ ही एक बड़ी समस्या इस्तेमाल किए हुए मास्क के डिस्पोजल की है। अमूमन इस्तेमाल किया हुआ मास्क हम इधर-उधर कहीं भी फेंक देते हैं या अपने घरेलू डस्टबिन में डाल देते हैं लेकिन ऐसे में मास्क संक्रमण के लिहाज से खतरनाक होते हैं। साथ ही इसका निस्तारण करने वाले सफाईकर्मियों के ऊपर भी संक्रमण का खतरा रहता है।
इसे ध्यान में रखते हुए मास्क को वायरस के साथ ही डिस्पोज़ करने के लिए स्कूली बच्चों ने एक डस्टबिन तैयार किया है जिसमें मास्क डालते ही एक हीटर ऑन हो जाता है और मास्क कुछ ही सेकंड में जल कर राख हो जाता है।
कैसे काम करता है स्मार्ट डस्टबिनइस डस्टबिन को 12 साल के दो छात्र आयुष और रेशमा ने 3500 रूपये में तैयार किया है। डस्टबिन के बारे में आयुष ने बताया कि करीब 3 फुट की ऊंचाई का ये डस्टबिन मेटल की चादर का बना है और इसमें एक हीटर लगाया गया है। जैसे ही कोई डस्टबिन में इस्तेमाल किया हुआ मास्क इसके अंदर जाता है, इसका सेंसर काम करने लगता है और कुछ सेकंड के भीतर ही मास्क जलने लगता है।
इस डस्टबिन के बनाने में मदद करने वाली स्कूली छात्रा रेशमा ने इसके सेंसर पर काम किया है। रेशमा ने बताया कि इसमें एक सेंसर लगाया गया है जो किसी आदमी के डस्टबिन के पास पहुंचते ही ऐक्टिव हो जाता है। इसका ढक्कन खुद से ओपन हो जाता है और जब आप मास्क इसके अंदर डालते हैं तो अंदर में इंस्टाल किया हुआ हीटर भी ऑन हो जाता है। कुछ ही देर में मास्क जल जाता है। इसमें दो ऑप्शन हैं। आप जरूरत के हिसाब से इसे ऑटो मोड पर या मैनुअल मोड पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे आया स्मार्ट डस्टबिन बनाने का आईडियादोनों छात्र जिस स्कूल में पढ़ते हैं उसकी संचालिका सुबिना चोपड़ा ने बताया कि ये दोनों छात्र की मां स्कूल में ही दाई का काम करती हैं। इन बच्चों ने अपनी मां को साफ-सफाई के दौरान इस्तेमाल किए हुए मास्क को उठाते हुए देखा। अपनी मां को इस खतरे से बचाने के लिए इन बच्चों ने ये आईडिया निकाला। बच्चों की इस भावना को देखते हुए उन्होंने स्कूल में स्थापित एपीजे अब्दुल कलाम स्टार्ट अप लैब में इन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराईं।
इस डस्टबिन को बनाने में लगने वाले सभी सामान मसलन अल्ट्रासोनिक सेंसर, गियर मोटर, मोशन सेंसर, हीटर प्लेट, स्पीकर, स्विच उपलब्ध करा दी। महज 6 दिनों के भीतर ही इन दोनों ने अपनी मां को खतरे से बचाने के साथ-साथ इस्तेमाल किए मास्क को डिस्पोज़ करने के लिए एक रास्ता खोज निकाला क्योंकि संक्रमण के इस दौर में मास्क की खपत बढ़ने के साथ-साथ उसका सुरक्षित निस्तारण भी एक समस्या बनती जा रही है।
The post मां को संक्रमण से बचाने के लिए 12 साल के आयुष और रेशमा ने बनाया स्मार्ट डस्टबीन, जाने कैसे करता है काम appeared first on Dainik Bhaskar | Uttar Pradesh News, UP Dainikbhaskar.