सावधान ! ये आठ सड़कें सबसे अधिक खतरनाक, ट्रैफिक पुलिस ने रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए लगाए CCTV

लखनऊ शहर की खराब रोड इंजीनियरिंग और वाहनों की रफ्तार जानलेवा साबित हो रही है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में दुर्घटना में मरने वालों में लखनऊ का स्थान दूसरा है। इन आकंड़ों को कम करने और वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए यातायात विभाग ने प्रमुख मार्गों पर स्पीड सेंसर कैमरे लगा दिए है। वहीं परिवहन विभाग की रोड सेफ्टी टीम ने संबंधित विभागों को 8 सड़कों को दुरुस्त करने के लिए चिट्ठी लिखी है।

यातायात विभाग ने शहर में इन सड़कों पर दस स्थान चिन्हित किए हैं, जहां पर लोग ज्यादा तेज वाहन चलाते हैं। इन दस स्थानों पर कैमरे लगाकर तय स्पीड से ज्यादा तेज चलने वाले वाहनों का ऑटोमैटिक चालान किया जा रहा है। वहीं, तेज रफ्तार वाहनों का चालान स्पीड मीटर से यातायात पुलिस कर्मियों ने भी करना शुरू कर दिया है। एसीपी यातायात सैफुद्दीन बैग ने बताया कि प्रमुख मार्गों पर स्पीड सेंसर कैमरे लगाए गए हैं। इसके माध्यम से तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों और वाहनों से स्टंट करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।

इन 10 जगहों पर लगे कैमरे

लोहिया पथ, जनेश्वर मिश्र पार्क के पासतेलीबागगला बाजार से कैंट रोडखुर्रम नगरकुकरैल बाईपासअवध चौराहे से दुबग्गाअहिमामऊ से सुल्तानपुर रोडआंबेडकर पार्करिंग रोडशहीद पथ

स्पीड मीटर की सुई इससे आगे गई तो घर पहुंचेगा चालान

नगर निगम व एलडीए सीमा में 40 किमी प्रति घंटाआइआइएम से दुबग्गा 60 किमी प्रति घंटाशहीद पथ 80 किमी प्रति घंटातेलीबाग से मोहनलालगंज 40 किमी प्रति घंटासुल्तानपुर रोड पर 40 किमी प्रति घंटालोहिया पथ पर 40 किमी प्रति घंटा

आठ सड़कें सबसे अधिक खतरनाकलखनऊ की यह आठ सड़कें चलने वालों के लिए दुर्घटना के हिसाब से बेहद खतरनाक है। इसका परिवहन विभाग के सर्वे से खुलासा हुआ है। इन रास्तों पर चलते वक्त जरा सी चूक आपको असप्ताल से पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचा सकती है। परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इन रास्तों पर बनाए गए कट दुर्घटनाओं को बुलावा देते हैं।

परिवहन विभाग ने संबंधित विभागों को दिया बिंदुवार प्लानपरिवहन विभाग की रोड सेफ्टी टीम ने सर्वे में उन जगहों को शामिल किया जहां एक साल के अंदर 30 बार सड़क हादसे हुए हैं। इन स्थानों पर दुर्घटनाएं कैसे रोकी जाएं इसका विस्तृत प्लान तैयार किया है। इसमें रोड इंजीनियरिंग से लेकर स्पीड ब्रेकर और संकेतांक बनाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार जिन सड़कों पर यह ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए है, उनसे संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दे दी गई है।

एनचएआई और पीडब्ल्यूडी की यह सड़कें ज्यादा खतरनाकसर्वे रिपोर्ट के अनुसार शहर के कई स्थानों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए है। इनमें से 4 सड़कें पीडब्लूडी और 4 सड़कें एनएचआई की हैं। जहां पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही है। इसके चलते इन विभागों को पत्र भेजा गया। विभागों को ब्लैक स्पॉट के साथ दुर्घटना के कारण और किए जाने वाले सुधार के बारे में भी बताया गया है।

शहर में ब्लैक स्पॉट की संख्या नहीं हो रही कमशहर के हर दूसरे चौराहे पर खतरनाक ब्लैक स्पॉट लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है इसके बावजूद अधिकारी सुरक्षा के इंतजाम के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने में जुटे हैं यही वजह है कि राजधानी में अंधे मोड़ और ब्लैक स्पॉट की संख्या 35 से बढ़कर 56 हो गई है। जबकि यातायात विभाग व परिवहन विभाग हर बार अपनी रिपोर्ट में इन आकंड़ों को घटा-बढ़ाकर बताते हैं।

रोड सेफ्टी, परिवहन विभाग के विशेष कार्य-अधिकारी प्रताप सिंह ने बताया कि 30 से अधिक बार वाले दुर्घटना स्थल पर हादसे रोकने के लिए पीडब्लूडी और एनएचआई को सुधार के लिए पत्र लिखा गया है। दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र का बोर्ड, रम्बल स्ट्रीप, रम्बल स्ट्रीप साइन, डिवाइडर का कट बंद करना, 100 मीटर की दूरी पर यूटर्न या अंडर पास बनाने का सुझाव दिया गया है।

ये आठ जगह सबसे खतरनाक, एक वर्ष में 496 एक्सीडेंटइन जगहों पर हुई दुर्घटना में 78 की मौत और 200 से ज्यादा लोगों के हाथ पैर टूट गए। कई लोग मामूली रूप से घायल हुए। इनका ब्योरा पुलिस व 
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