रहिए सावधान : यूपी में दाखिल हो चुका है डेल्टा प्लस वैरिएंट, जानिए क्या कहते हैं जानकार

उत्तर प्रदेश में कोरोना के भयावह वैरिएंट डेल्टा प्लस ने सरकारी आकंड़ों में आमद दर्ज करा दी है।प्रदेश में अब तक कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के दो मरीज मिलने की पुष्टि हो चुकी हैं।दो मरीजों पूर्वांचल के है इसीलिए वहां के हालात पर चिकित्सा व स्वास्थ्य महकमा पैनी नज़र रख रहा है।जानकारी के अनुसार इनमें से एक मरीज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट है और दूसरा मरीज देवरिया का रहा,जिसकी मौत होने की खबर है।

यहां के दो मरीजो में मिला है डेल्टा प्लस –

जानकारी के मुताबिक कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस के मिले 2 मरीजो में से एक की मौत भी हो चुकी है‚ जबकि दूसरा मरीज मेडिकल स्टूडेंट को माइल्ड सिम्पटम है और वह होम आइसोलेशन में ही है।दोनों के संपर्क में आए करीब 100 से ज्यादा लोगों की भी जीनोम सीक्वेंसिंग में इस नए वैरिएंट के मिलने की राहत भरी खबर भी मिली है।बहरहाल आईजीआईबी नई दिल्ली से जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आने के बाद सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है।डेल्टा प्लस की पुष्टि होने वाले मरीज में से एक देवरिया का बुजुर्ग शामिल था जिसकी 29 मई को मौत होने की खबर है।इनके घर के सभी छह सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

कोरोना की दूसरी लहर ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश में जमकर कहर बरपाया था।दूसरी लहर में त्राहि माम मचाने वाला यह कोई और नही डेल्टा वैरियंट ही था।वहीं अब राज्य में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट का मामला भी सामने आया है।अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद का दावा है कि, प्रदेश में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट कराए जा रहे हैं।करीब 600 से ज्यादा सैम्पल अब तक जीन सिक्वेंसिंग।के लिए दिल्ली भेजे जा चुके हैं।इनमें से कोरोना के दो मरीजों में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है।राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट का मामला सामने आने के बाद शासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मच गया है।यही कारण है कि फिर से बेवजह घर से बाहर न निकलने की बात कही जा रही है।

ट्रेवल हिस्ट्री खोजने में लगे अफसर –

स्टेट कोविड नोडल अफसर विकासेंदु ने कहा कि डेल्टा प्लस का पीड़ित एक मरीज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट है और दूसरा मरीज देवरिया का है।दोनों का सैम्पल गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से ही भेजा गया था। दोनों में से किसी की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।इनके संपर्क में आये लोगों का भी जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट कराई जाएगी। इसमें एक सवाल यह भी उठ रहा कि जब मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, तो वायरस का बदला स्वरूप उस तक कैसे पहुंचा?

देश मे अपनी जड़े जमा चुका डेल्टा प्लस वैरिएंट –

देशभर में अब तक 12 राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिलने की पुष्टि हुई है।वही मरीजों की संख्या 50 पार हो गई है। ऐसे में एयरपोर्ट, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन पर अलर्ट के अलावा हेल्थ टीम फोकस टेस्टिंग के दावे कर रही है।वहीं पॉजिटिव आये मरीजों का सैम्पल जीन सिक्वेंसिंग के लिए भी भेजे जा रहे है।

दूसरी लहर में 80 फीसद डेल्टा वैरिएंट मिला –

यूपी में पहले 550 सैम्पल की जीन सिक्वेंसिंग कराई गई।इन सैम्पल की जांच आईजीआईबी दिल्ली में हुई। इसमें किसी में डेल्टा प्लस की पुष्टि नहीं हुई।हालांकि 80 फीसद केस डेल्टा वैरिएंट के मिले।

क्या कहते है जानकार –

एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमन के अनुसार एनहांस्ड कोविड एप्रोप्रियेट बेहवीयर से ही इस खतरनाक वैरिएंट को मात दी सकती है।साथ ही सभी को वैक्सीनेशन जरुर लगानी चाहिए यही तरीका है इससे बचे रहने का।

क्या है E-CAB (ई-कैब) यानी एक्सटेंडेड कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर –

– मास्क,

– फिजिकल डिस्टेंसिंग,

– हैंड सैनिटाइजेशन,

– भीड़ भाड़ वाली जगह जाने से दूरी बनाएं,

– बिना जरुरी काम घर से बाहर न निकले,

– वैक्सीनेशन की दोनों डोज जरुर लगाए,

– क्रॉस वेंटिलेशन वाले स्थानों पर रहना करे प्रीफर
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