कहते है अगर दिल मे कुछ कर-गुजरने का जज्बा हो तो तमाम मंजिले हो जाती है आसान
कुछ ऐसी ही कहानी है उत्तराखंड के मंगलौर कस्बे के लिब्बरहेड़ी गांव की, जहां के निवासी भाई और बहन की अनोखी पहल एक नजीर बनकर सामने आ रही है। ये भाई और बहन गाँव के उन युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहे है जो नशे की लत में फंसकर अपना भविष्य चैपट कर चुके थे। दोनों ने मिलकर गाँव मे बच्चों को नशे से दूर करना और खेल के प्रति जागरूक करने का एक बड़ा अभियान चलाया हुआ है।
मंगलौंर: कोतवाली क्षेत्र के लिब्बरहेड़ी गाँव की रहने वाली शालू चैधरी जो वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस महकमें में हैड कांस्टेबल के पद पर तैनात है, वहीे शालू के भाई शुभम चैधरी बीएसएफ में दिल्ली में तैनात है। शालू चैधरी और शुभम चैधरी दोनों खेल कोटे से भर्ती हुए और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में ब्राउन्स मैडल, सिल्वर मैडल आदि हासिल किए हुए है। दोनों भाई बहन मिलकर युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करते है और नशे के खिलाफ अभियान चलाते है, साथ ही युवाओं का खाने का खर्च भी अपने पास से ही उठाते हैं। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने शालू को मंगलौंर कोतवाली से ही अटैच किया हुआ है, जिसके चलते शालू अपने गाँव मे ही इस अभियान को चालू रखे हुए है। वही शालू के भाई शुभम जब भी छुट्टी मनाने के लिए गाँव आते तो युवाओं को प्रेरित करना नही भूलते। शालू चैधरी 2019 में इंग्लैंड में हुए कॉमनवेल्थ चैम्पियन में कांस्य पदक हासिल कर चुकी है। वही शुभम चैधरी भी 2019 में नैशनल चैम्पियनशिप में सिल्वर मैडल हासिल कर चुके है। दोनों भाई बहन स्पोर्टस कोटे से भर्ती है और वर्तमान में भी युवाओं को खेलों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें ट्रेनिंग देने का काम भी कर रहे है। शालू चैधरी ने बताया युवा पीढ़ी तेजी से नशे की लत में फस रही है, जिन्हें जागरूक करने की जरूरत है, बच्चो को खेल की ओर लाना नशे से छुटकारा है। उन्होंने बताया उत्तराखंड डीजीपी महोदय द्वारा प्रदेश में नशे के विरुद्ध अभियान चलाया गया है उसी अभियान के तहत वह काम कर रही है। वही शुभम चैधरी ने बताया स्पोर्ट्स के अंदर बेहतर प्लेटफॉर्म है, बच्चों को ज्यादा से ज्यादा खेलों के प्रति जागरूक करना ही उनका उद्देश्य है।
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